सुधीर चौधरी को गिरफ्तारी से राहत
उच्चतम न्यायालय ने जनवरी में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर रांची में दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में टेलीविजन (टीवी) समाचार प्रस्तोता सुधीर चौधरी को सोमवार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
उच्चतम न्यायालय |
सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद चौधरी ने टीवी चैनल पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पत्रकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा की इन दलीलों पर गौर किया कि वह गिरफ्तारी के खतरे का सामना कर रहे हैं।
लूथरा ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत चौधरी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
पीठ ने आदेश दिया, ‘अगले आदेशों तक, कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।’ न्यायालय ने चौधरी की याचिका पर झारखंड सरकार, राज्य के पुलिस महानिदेशक और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को भी नोटिस जारी किया।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि एक राष्ट्रीय टीवी समाचार चैनल के ‘कंसंिल्टग एडिटर’ चौधरी ने सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
एक आदिवासी समूह ने चौधरी की कथित टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पुलिस में शिकायत दायर कराई थी। आरोप है कि टिप्पणी 31 जनवरी को एक ‘न्यूज शो’ में की गई थी।
चौधरी ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका पर अधिकारियों को नोटिस जारी किया, लेकिन उन्हें अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 4 अप्रैल की तारीख तय की है। वहीं, शीर्ष अदालत याचिका पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
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