India में Rafale असेंबली लाइन लगाने की योजना बना रही Dasaun

Last Updated 08 Oct 2023 07:46:54 PM IST

फ्रांस की दसौं एविएशन भारतीय नौसेना और वायुसेना के ऑर्डरों के मद्देनजर भारत में राफेल असेंबली लाइन लगाने की योजना बना रही है।


India में Rafale असेंबली लाइन लगाने की योजना

मामले के जानकार सूत्रों के अनुसार, जल्द ही मूल उपकरण निर्माता से इतर 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमान का उत्पादन करने वाला भारत पहला देश बन सकता है।

दसौं के पास वर्तमान में लगभग 200 राफेल का बैकलॉग ऑर्डर है। इनमें संयुक्त अरब अमीरात से 80 विमान, इंडोनेशिया से 42, क्रोएशिया से 12, मिस्र से 54, ग्रीस से 24, कतर से 36 और भारतीय नौसेना के लिए संभावित 26 विमानों के मौजूदा ऑर्डर शामिल हैं।

सूत्रों ने आगे बताया कि इसकी वर्तमान क्षमता प्रति वर्ष 24 विमानों तक सीमित होने के कारण दसौं के लिए भारत में अपने संयुक्त उद्यम डीआरएएल में एक अतिरिक्त उत्पादन लाइन स्थापित करने का समुचित कारण है।

भारत एक बड़ा बाजार है और भारतीय वायुसेना 114 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। इसके लिए प्रस्‍ताव अनुरोध (आरएफपी) अगले छह महीने में मिलने की उम्मीद है।

यह दुनिया में कहीं भी लड़ाकू विमानों के लिए सबसे बड़े ऑर्डरों में से एक होगा। भारतीय नौसेना के 26 विमानों के ऑर्डर को भी अगले छह महीने के भीतर अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है जिसकी डिलीवरी 2027 में शुरू होगी।

सूत्रों ने कहा कि नागपुर के मिहान सेज में स्थित डीआरएएल में राफेल विनिर्माण लाइन के लिए चार हैंगर में फैले अतिरिक्त पांच लाख वर्ग फुट का बुनियादी ढांचा बनाया जायेगा। उत्पादन 2028 में शुरू होगा।

वार्षिक क्षमता 24 विमान प्रति वर्ष की योजना बनाई गई है। वर्ष 2028 में प्रति विमान एक हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ यह प्रति वर्ष 24 हजार करोड़ रुपये की बिक्री में तब्दील हो जाएगी।

इसके लिए करीब तीन हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी।

रोजगार के अवसरों के संदर्भ में, फाल्कन 2000 के लिए अंतिम असेंबली लाइन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीआरएएल के पास 600 से अधिक कर्मचारी होंगे। राफेल के साथ यह 1,200 के आंकड़े को पार कर सकता है।

आईएएनएस
मुंबई


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