असम के कार्बी आंगलोंग जिले में सुरक्षा बलों के समक्ष एक आदिवासी उग्रवादी संगठन के ‘कमांडर-इन-चीफ’ सहित इसके करीब 40 सदस्यों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया।
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पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने बोकाखाट पुलिस थाना परिसर में आयोजित आत्मसमर्पण कार्यक्रम में अत्याधुनिक बंदूकों और ग्रेनेड सहित भारी मात्रा में हथियार एवं गोलाबारूद
सौंपा।
पुलिस महानिरीक्षक (मध्य क्षेत्र) देवज्योति मुखर्जी ने कहा,‘‘आदिवासी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (एपीएलए) के कुल 39 सदस्यों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया। यह असम पुलिस और असम राइफल्स की संयुक्त कोशिशों से संभव हो पाया।’’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने एके सीरीज की तीन राइफल, 19 पिस्तौल, पांच अन्य राइफल और दो ग्रेनेड सहित सहित 31 हथियार सौंपे हैं।
मुखर्जी ने कहा कि उग्रवादी संगठन के सदस्यों ने महसूस किया कि हिंसक गतिविधियों को जारी रखना व्यर्थ है और इसीलिए उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। उन्होंने अत्याधुनिक हथियार, पिस्तौल और ग्रेनेड सहित कई हथियार सौंपे हैं।
कार्यक्रम में उग्रवादी संगठन के सदस्यों का नेतृत्व करने वाले एपीएलए प्रमुख साहिल मुंडा ने कहा, ‘‘(मुख्यमंत्री) हिमंत विश्व शर्मा नीत सरकार के तहत राज्य में आदिवासी समुदाय की समस्याओं का समाधान होता देख हमने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।’’
संगठन के करीब 40 सदस्यों का आत्मसमर्पण करना बाकी है, जबकि शेष जेल में हैं।
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