ममता बनर्जी के कविता संग्रह की आलोचना करने पर कलकत्ता हाईकोर्ट के जज पर भड़का टीएमसी

Last Updated 26 Jan 2023 12:44:32 PM IST

पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती अनियमितता घोटाले में अपने फैसलों को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लिखित कविताओं के संग्रह के बारे में टिप्पणी को लेकर तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं।


कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय

बुधवार शाम को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय दक्षिण कोलकाता के किद्दरपुर में महान भारतीय कवि माइकल मधुसूदन दत्त के नाम पर एक प्रतिष्ठित पुस्तकालय में निजी समारोह में भाग लेने पहुंचे। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री की लिखी एक बहुचर्चित कविता की पहली पंक्ति का जिक्र किया और कहा कि अगर किसी कविता की पहली पंक्ति ऐसी हो तो शायद ही कोई इसे पढ़ना चाहेगा।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा, यह कहने का सही समय है कि पुस्तकालयों को ऐसी वस्तुओं को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए। यदि सरकार द्वारा संचालित पुस्तकालय इस तरह के बकवास प्रकाशनों को प्रदर्शित करता है, तो क्या कोई इंसान अध्ययन के उद्देश्य से उस पुस्तकालय में जाएगा? दुर्भाग्य से, सरकारी अनुदान केवल तभी उपलब्ध होते हैं जब ऐसे प्रकाशन प्रदर्शित हैं। लेकिन मेरी राय में ऐसी किताबें केवल दीमकों की मदद करती हैं।

उनकी टिप्पणियों ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य डॉ शांतनु सेन के अनुसार, चूंकि टिप्पणियां अदालत के बाहर की गई थीं, इसलिए इसे उनकी निजी राय माना जाना चाहिए। सेन ने कहा, उनकी टिप्पणी साबित करती है कि वह एक राजनीतिक प्रतिनिधि की तरह अधिक काम कर रहे हैं। उनका एकमात्र काम मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का विरोध करना है।



यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री का कविता संग्रह, जिसे कबीता बिटन नाम दिया गया है, विवादों में रहा है। पिछले साल मई में, राज्य सरकार द्वारा साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मुख्यमंत्री को एक विशेष पुरस्कार दिए जाने के बाद विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक हलकों से कड़ी आलोचना हुई थी। उन्हें कबिता बिटान के लिए पुरस्कार मिला था।

आईएएनएस
कोलकाता


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment