सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक विवादित सीमावर्ती इलाके को घोषित किया जाए केंद्र शासित प्रदेश : ठाकरे

Last Updated 26 Dec 2022 05:50:24 PM IST

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद जारी रहने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को मांग की कि उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक सीमाओं के आसपास के विवादित क्षेत्रों को 'केंद्र शासित प्रदेश' घोषित किया जाना चाहिए।


पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र विधान परिषद में बोलते हुए शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष ने कहा कि मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है, लेकिन महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे चुप हैं। ठाकरे ने कहा, जब तक शीर्ष अदालत इस मामले में फैसला नहीं लेती, बेलगावी (बेलगाम), कारवार, निप्पानी के क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिए। इस बिंदु को विधायिका में पारित प्रस्ताव में शामिल किया जाना चाहिए।

इस मुद्दे पर जवाब देते हुए, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि किसी भी परिस्थिति में महाराष्ट्र विवादित सीमा क्षेत्रों में रहने वाले हमारे लोगों को नहीं छोड़ेगा।

फडणवीस ने घोषणा की, हम केंद्र या शीर्ष अदालत के साथ एक-एक इंच जमीन के लिए लड़ेंगे, हम नरम नहीं पड़ेंगे और वहां रहने वाले लोगों के साथ हुए अन्याय से निपटेंगे।

बाद में सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कर्नाटक पर सीमाओं पर मराठी भाषी आबादी के उत्पीड़न का आरोप लगाया, जो कि महाराष्ट्र में कन्नड़ भाषी लोगों के साथ कभी नहीं हुआ।

पूर्व सीएम ने कहा, यह केवल दो भाषाओं का नहीं, बल्कि मानवता का सवाल है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग दशकों और पीढ़ियों से पीड़ित हैं। केंद्र के लिए यह सही समय है कि वह हस्तक्षेप करे और प्रभावित लोगों की शिकायतों को हल करने के लिए ठोस कदम उठाए।

विपक्षी महा विकास अघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और सेना (यूबीटी) और विपक्ष के नेता अजीत पवार शिंदे-फडणवीस सरकार पर सीमा समस्या पर कर्नाटक के प्रति नरम होने का आरोप लगा रहे हैं।

आईएएनएस
नागपुर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment