सिंगूर पर ममता के बयान से पता चलता है कि वह चिड़चिड़ी हैं : माकपा

Last Updated 25 Oct 2022 05:59:46 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा सिंगूर से टाटा समूह को बाहर जाने के लिए माकपा को जिम्मेदार ठहराने पर माकपा नेता वास्तव में खुश है।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी

पार्टी के एक शीर्ष नेता के अनुसार इस तरह की टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि कुछ महीनों में होने वाले पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस सीपीआई (एम) को सबसे बड़ी चुनौती मानती है।

माकपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी ने महसूस किया कि माकपा ने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में खोई हुई जमीन वापस पा ली है, खासकर शिक्षक भर्ती और पशु तस्करी घोटालों के बाद, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेता कथित रूप से शामिल हैं। मामले में माकपा ने अपने सहयोगियों के साथ राज्य भर में कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। इन्हें लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली। ममता बनर्जी जानती हैं कि पंचायत चुनावों में माकपा उसे कड़ी टक्कर देगी।

गौरतलब है कि दुर्गा पूजा के बाद से ही ममता बनर्जी इस बात से इनकार करती रही हैं कि सिंगूर में टाटा मोटर्स की छोटी कार फैक्ट्री को नहीं आने देने में उनकी या तृणमूल कांग्रेस की कोई भूमिका थी।

उनके अनुसार उन्होंने केवल कारखाने के लिए जमीन देने को मजबूर किए गए किसानों के लिए लड़ाई लड़ी थी। वह कहती रही हैं कि गड़बड़ी के लिए माकपा जिम्मेदार थी। हम चाहते थे कि किसानों से जबरने ली गई जमीन लौटा दी जाए। पास में स्थित अन्य भूखंडों का इस्तेमाल कारखाने के लिए किया जा सकता था।

माकपा के एक अन्य नेता के अनुसार ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के सहयोगी मंत्री फिरहाद हकीम इस तरह के बयान दे रहे हैं, क्योंकि राज्य में खराब आर्थिक स्थिति के कारण जनता परेशान है। कई व्यापारिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार बड़े निवेशकों को आकर्षित नहीं कर पाई है। कई लोग सिंगूर से टाटा मोटर्स को बाहर जाने में तृणमूल को दोषी ठहराते हैं, जिसने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया।

आईएएनएस
कोलकाता


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