ठाकरे के आवास के बाहर 'हनुमान चालीसा' की योजना रद्द करने के बावजूद राणा दंपति को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया
तीखी नोकझोंक और नाटकीय घटनाक्रम के बीच खार पुलिस ने शनिवार को अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति एवं बडनेरा से विधायक रवि राणा को हिरासत में ले लिया।
![]() ठाकरे के आवास के बाहर 'हनुमान चालीसा' की योजना रद्द करने के बावजूद राणा दंपति को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया |
दिलचस्प बात यह है कि यह गिरफ्तारी तब हुई, जब उन्होंने खुद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के सामने 'हनुमान चालीसा' का पाठ करने की अपनी योजना को निरस्त कर दिया था।
राणा दंपति ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के निजी आवास 'मातोश्री' के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना को रद्द कर दिया था, इसके बावजूद शिवसेना और युवा सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ठाकरे का अपमान करने के लिए माफी मांगने की मांग को लेकर राजनेता दंपति के घर का घेराव किया।
शिवसेना और युवा सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ठाकरे का अपमान करने के लिए माफी की मांग करते हुए राजनेताओं के घर की घेराबंदी कर दी थी।
युवा सेना के नेता वरुण सरदेसाई ने कहा कि यह 'पार्टी की जीत है और राणा दंपति अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं', सीएम के घर जाने की तो बात ही छोड़िए।
सरदेसाई ने कहा, "वे अपनी योजनाओं में विफल रहे हैं। हम सीएम के खिलाफ उनके बयानों के लिए उनसे सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं। हमने उन्हें अपनी ताकत दिखाई है। वे डरपोक हैं, जो भाग गए।"
राणा के घर पर पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई, जो चाहती थी कि वे पुलिस स्टेशन आएं, लेकिन दंपति ने वारंट दिखाने पर जोर दिया, पूरे हाई-वोल्टेज ड्रामा को सोशल मीडिया पर लाइव देखा गया।
नवनीत राणा ने कहा, "हम निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, लेकिन ठाकरे के शासन में हमें जबरन पुलिस थाने ले जाया गया। यहां कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। शिवसेना के गुंडे कल से हमारे घर के बाहर जमा हैं। अगर हम यह झेल रहे हैं तो आम आदमी किस न्याय की उम्मीद कर सकता है?"
उत्साहित पुरुष और महिला शिवसैनिकों ने कहा कि शिवसेना ने अपनी ताकत दिखा दी है और '(राणा) जैसे लोग आते हैं और चले जाते हैं' और पार्टी उनकी परवाह नहीं करती है।
सुधीर मुनगंटीवार जैसे विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने महा विकास अघाड़ी सरकार की निंदा की और कहा कि जब उन्होंने अपनी प्रदर्शन की योजनाओं को वापस ले लिया था, तो ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने राणा दंपित की हिरासत को प्रतिशोध की राजनीति बताया।
अन्य कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है और यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
| Tweet![]() |