त्रिपुरा हिंसा पर अमरावती में बवाल: भाजपा के बंद के दौरान पत्थरबाजी और लाठीचार्ज, 20 प्राथमिकी दर्ज

Last Updated 13 Nov 2021 02:30:19 PM IST

महाराष्ट्र के अमरावती में शनिवार को भाजपा की तरफ से बुलाए गए बंद के दौरान हिंसा भड़क उठी। यहां कुछ शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी को अंजाम दिया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं।


पिछले महीने त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ महाराष्ट्र के अमरावती में प्रदर्शन हो रहे है। अमरावती में भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रायोजित बंद ने शनिवार को यहां हिंसक रूप ले लिया। पथराव, वाहनों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

त्रिपुरा में हाल ही में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में शुक्रवार को रजा अकादमी जैसे कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा राज्यव्यापी विरोध और रैलियों के बाद बंद का आह्वान किया गया।

नांदेड़, अमरावती और मालेगांव (नासिक) से शुक्रवार को हुई पथराव की मामूली घटनाओं के बाद राज्य के गृह मंत्री दिलीप वाल्से-पाटिल ने देर रात सभी समूहों से संयम बरतने की वीडियो के माध्यम से अपील की।

वाल्से-पाटिल ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अन्य नेताओं के साथ आग्रह किया, "कृपया शांति बनाए रखें, मैं सभी हिंदुओं और मुस्लिम भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।"

उन्होंने कहा, "मैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मदद से पूरी स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा कर रहा हूं। सभी दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम सभी को सामाजिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए और मैं सभी से हमारे साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं। मैं अपने भाइयों से स्थिति को सावधानी से संभालने और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस से भी यही अनुरोध करता हूं।"

भाजपा ने शुक्रवार के प्रदर्शनों के विरोध में अमरावती बंद का आह्वान किया, जिसके परिणामस्वरूप सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी, नारेबाजी की, बैनर और झंडे लहराए गए।

इसके तुरंत बाद कुछ वर्गों ने निजी और सरकारी वाहनों, दुकानों और प्रतिष्ठानों पर पथराव किया, जिससे पुलिस को उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग का सहारा लेना पड़ा।

त्रिपुरा हिंसा के विरोध मामले में 20 प्राथमिकी दर्ज, 20 लोग पकड़े गए

त्रिपुरा में साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के पांच जिलों में हुई रैलियों में पथराव की घटना के संबंध में कम से कम 20 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

शुक्रवार को कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं मुख्य रूप से अमरावती, मालेगांव और नांदेड़ शहर में हुई थीं। अधिकारियों ने कहा था कि पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में एक ज्ञापन देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर आठ हजार से अधिक लोग इकट्ठा हो गए। इस ज्ञापन में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग की गई थी। जब लोग ज्ञापन सौंप कर निकल रहे थे तब कोतवाली पुलिस थाने के अंतर्गत चित्रा चौक और कॉटन मार्केट के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ।

एक अधिकारी ने बताया कि कोतवाली थाना पुलिस ने दंगे सहित विभिन्न आरोपों में 11 मामले दर्ज किए हैं और दस लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अमरावती में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, स्थिति अब सामान्य है। मालेगांव में भी शुक्रवार दोपहर विरोध मार्च के दौरान पथराव हुआ।

पुलिस ने बताया कि भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ीं, घटना में पुलिस का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। मालेगांव में कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। उन्होंने बताया कि तीन प्राथमिकी दर्ज की गईं हैं और दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नांदेड़ में भी पथराव हुआ था जिसमें आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने पुलिस के चार वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया।

शिवसेना सांसद संजय राउत और मंत्री अब्दुल सत्तार, अशोक चव्हाण (कांग्रेस), नवाब मलिक (राकांपा), एआईएमआईएम सांसद सैयद इम्तियाज जलील, विदर्भ के किसान नेता ने शनिवार के बंद में हिंसक घटनाओं के लिए भाजपा की कड़ी आलोचना की।

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार से कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया और तीन शहरों में शुक्रवार को हुई हिंसा की निंदा की।

आईएएनएस/भाषा
नागपुर (महाराष्ट्र)


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