एसयूवी मामला : 17 वर्षो में दूसरी बार निलंबित हुए सचिन वाजे
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक परित्यक्त एसयूवी से जुड़े मामले में गिरफ्तार मुंबई के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे लगभग 17 वर्षों में दूसरी बार सेवा से निलंबित कर दिए गए हैं।
![]() SUV मामला : 17 वर्षो में दूसरी बार निलंबित हुए सचिन वाजे |
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। 25 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में वाजे को भेजे जाने के एक दिन बाद मुंबई पुलिस मुख्यालय ने निलंबन आदेश जारी किया।
25 फरवरी को अंबानी की एंटीलिया इमारत के बाहर एक परित्यक्त एसयूवी मिली थी जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुईं। आरोप है कि एसयूवी में वाजे ने ही जिलेटिन रखा था। इन्हीं आरोपों के सिलसिले में वाजे एनआईए और महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) की जांच के घेरे में हैं। इस घटना के बाद 5 मार्च को ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत हो गई थी।
49-वर्षीय वाजे महाराष्ट्र पुलिस कैडर के 1990 बैच के अधिकारी हैं। 2002 के घाटकोपर बम विस्फोट मामले में संदिग्ध ख्वाजा यूनुस की हिरासत में मौत के लिए भी वाजे को निलंबित कर दिया गया था।
हालांकि, उन्हें पिछले साल पुलिस बल में बहाल किया गया था और अपराध शाखा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बाद में उन्होंने क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) के साथ काम किया।
एक अधिकारी ने कहा कि वाजे का दूसरा निलंबन ऐसे मामलों में एक 'नियमित प्रक्रिया' का हिस्सा है। हालांकि यह निलंबन शहर के किसी भी पुलिसकर्मी के लिए अभूतपूर्व माना जा रहा है।
अपने निलंबन की अवधि के दौरान 69 अपराधियों या गैंगस्टरों का एनकाउंटर करने वाले वाजे कुछ समय के लिए शिव सेना में भी रहे, एक निजी टेलीविजन चैनल के लिए काम किया और अन्य काम किए।
कुछ दिन पहले (13 मार्च को) उन्होंने अपने व्हाट्सएप स्टेटस अपडेट द्वारा एक सनसनी फैला दी थी जिसमें उन्होंने अपने जीवन को समाप्त करने का संकेत दिया था "क्योंकि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है"।
अपने व्हाट्सएप स्टेटस के बारे में उन्होंने कहा, "3 मार्च 2004। सीआईडी में मेरे साथी अधिकारियों ने मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी आज तक अनिर्णायक है। महसूस कर पा रहा हूं कि इतिहास अपने आप को दोहराने जा रहा है।"
जाहिर तौर पर परेशान वाजे ने कहा, "मुझे लगता है कि दुनिया को अलविदा कहने का समय करीब आ रहा है।"
पिछले सप्ताह एनआईए द्वारा मामले की जांच अपने हाथों में लेने के कुछ ही समय बाद वाजे को सीआईयू से स्थानांतरित कर दिया गया था।
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