कश्मीर में छात्रों को घर से पढ़ाई करने को कहा गया
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में लगभग सभी निजी स्कूलों ने छात्रों को असाइनमेंट लेने तथा वीडियो के माध्यम से अध्ययन करने के लिए कहा है।
जम्मू-कश्मीर में निजी स्कूल |
कई स्कूलों के छात्रों के पास हालांकि इस तरह की सुविधा नहीं है। दसवीं, 11वीं और 12वीं के छात्र कश्मीर बोर्ड परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद से ही कश्मीर में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। निजी स्कूलों ने अंग्रेजी और उर्दू अखबारों में विज्ञापनों के जरिये छात्रों को स्कूल से असाइनमेंट लेने और वीडियो के माध्यम से पढ़ाई करने के निर्देश दिए हैं।
कश्मीर में लगभग एक महीने से फोन और इंटरनेट समेत संचार के सभी माध्यमों पर रोक लगाई गयी हुई है, जिसके चलते स्कूल प्रशासन ने अखबारों के जरिये छात्रों से कश्मीर परीक्षा बोर्ड के लिए फॉर्म भरने के लिए कहा है। छात्रों को हालांकि इसके लिए स्कूल की वर्दी में आने की आवश्यकता नहीं है।
घाटी में हालात को देखते हुए छात्रों के माता-पिता हालांकि अभी भी उन्हें स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। अधिकारियों का इस मामले को लेकर कहना है कि सरकार ने छात्रों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। यह अब छात्रो के माता-पिता पर है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते है या नहीं।
कश्मीर के कुलगाम, अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां जिले में छात्र अभी भी स्कूल नहीं जा रहे हैं। कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा, पाटन, सोपोर और तंगमर्ग तथा गांदेरबल और बड़गाम जिले में भी छात्रो ने स्कूलों से दूरी बनाई हुयी है।
इसके अलावा कश्मीर और केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर तथा अन्य विश्वविद्यालयों में भी कक्षाएं स्थगित हैं।
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