पाक से बातचीत करने का महबूबा का बयान निजी : निर्मल
महबूबा मुफ्ती की कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की सलाह को राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मलसिंह ने 'उनका मुख्यमंत्री निजी विचार' बताया है. उन्होंने कहा है कि इस विचार से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.
![]() जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मलसिंह (फाइल फोटो) |
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पाक के साथ बातचीत करने संबंधी बयान के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री निर्मलसिंह ने फोन पर 'भाषा' से कहा, ''यह उनका मुख्यमंत्री निजी विचार हो सकता है. कैबिनेट और विधानसभा में ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है.''
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा था कि कश्मीर मामले के समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत ही एकमात्र उपाय है.
सिंह ने कहा, ''जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वह केवल आतंकवादी हमला नहीं बल्कि पाकिस्तान की ओर से थोपा गया छद्मयुद्ध भी है और ऐसे माहौल में पडोसी मुल्क के साथ बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता है.''
उन्होंने कहा, ''मैं यह साफ करना चाहता हूं कि अभी हमें अपना ध्यान बातचीत पर नहीं बल्कि पाक प्रायोजित आतंकवाद और छद्म युद्ध से निपटने पर लगाना है.''
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''हमारी पार्टी भाजपा का स्पष्ट रूख है कि आतंकवाद बंद किये बगैर पाक से कोई बातचीत नहीं होगी और जब कभी बातचीत होगी तो कश्मीर मुद्दे पर नहीं बल्कि पाक की तरफ से थोपे जा रहे आतंकवाद और छद्मयुद्ध पर होगी.''
यह पूछे जाने पर कि ऐसे दौर में पत्थरबाजों के खिलाफ मुकदमे वापस लिये जा रहे हैं, सिंह ने कहा कि इनमें से ज्यादातर किशोर उम्र के बच्चे हैं और उनको अगर हम जेल में डालेंगे तो वहां बंद आंतकवादियों के साथ रहकर वह भी आतंकवादी बनकर बाहर आएंगे. इसीलिए हमने पत्थरबाजी करने वाले लडके-लडकियों को छोडा है.
यह कहे जाने पर कि प्रदेश सरकार के ऐसे नरम रूख अख्तियार करने के बावजूद राज्य में आतंकवाद में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, सिंह ने कहा कि कुछ भटके हुए लोग हैं, लेकिन राज्य सरकार के उपायों और नीतियों के कारण पिछले साल 70 से अधिक युवा आतंकवाद का रास्ता छोड कर मुख्य धारा में वापस लौटे हैं.
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