महादयी विवाद के हल के लिए समय निकालें पीएम :सिद्धारमैया

Last Updated 05 Feb 2018 05:37:20 AM IST

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की यहां होने वाली रैली से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को गोवा के साथ चल रहे महादयी नदी जल विवाद के समाधान के लिए समय निकालने को कहा.


कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (file photo)

सिद्धारमैया ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं नम्मा कर्नाटक- निवेश, नवोन्मेष और प्रगतिशील नीतियों में नंबर एक राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करता हूं. विकास के एक विशिष्ट मॉडल के जरिये हमने कई प्रमुख क्षेत्रों में राष्ट्र में सबसे आगे होने की इबारत लिखी है. उन्होंने आगे लिखा कि अपने लोगों की तरफ से मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कर्नाटक की पीने के पानी की जरूरतों के लिए समय निकालिए और महादयी विवाद के हल में हमारी मदद करें.

क्या है महादयी जल विवाद
कर्नाटक सरकार राज्य की सीमा के अंदर महादयी नदी से 7.56 टीएमसी पानी मलप्रभा डैम में लाना चाहती है, पानी की धारा कलसा और बंडूरी नामक दो नहरों के जरिए मोड़ी जानी है, जिसके कारण इसे कलसा-बंडूरी नहर परियोजना कहा जाता है, अगर ऐसा हुआ तो इसके जरिए धारवाड़, गदग और बेलगावी जिले को पीने के पानी की आपूर्ति की जाएगी लेकिन गोवा सरकार इस परियोजना के खिलाफ है.
महादयी नदी की स्थिति : महादयी नदी की कुल लंबाई 77 किलोमीटर है जिसमें से 29 किलोमीटर का हिस्सा कर्नाटक और 52 किलोमीटर गोवा से होकर बहता है. इस नदी का उम पश्चिमी घाट के एक समूह से होता है जो कर्नाटक के बेलगाम जिले, के भीमगढ़ में स्थित हैं.
गोवा का तर्क : गोवा सरकार का तर्क है कि ये परियोजना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है, इससे गोवा की पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और गोवा की उसी चीज पर सबसे ज्यादा नुकसान होगा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं इसी विरोध के चलते बीते 40 सालों ये योजना अटकी हुई है.
पानी की स्थिति : आम नदियों की तरह महादयी नदी का पानी भी घटता-बढ़ता रहता है, जून से अक्टूबर महीने तक ही इसमें काफी पानी रहता है. ऐसे में कर्नाटक सरकार यदि पानी को डायवर्ट करती है तो इसका सीधा असर गोवा के लोगों पर पड़ने वाला है. गोवा का कहना है कि महादयी नदी के पानी को डायवर्ट किया गया तो राज्य में जलसंकट खड़ा हो जाएगा, ये भी विरोध का एक बड़ा कारण है.

भाषा


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