गुजरात विधानसभा चुनाव : हार्दिक ने कहा- आरक्षण पर कांग्रेस का फार्मूला मंजूर पर चुनाव में सीधा समर्थन नहीं

Last Updated 22 Nov 2017 12:46:18 PM IST

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अगले महीने गुजरात चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने की आज घोषणा की और उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ने पटेल समुदाय को आरक्षण देने की उनकी मांग स्वीकार कर ली है.


आरक्षण मामले में हार्दिक और कांग्रेस में बनी बात (फाइल फोटो)

पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के संयोजक हार्दिक पटेल ने आज कहा कि कांग्रेस की ओर से सुझाया गया आरक्षण का फार्मूला सही है और उनका संगठन हालांकि पार्टी को सीधे तौर पर समर्थन की घोषणा नहीं कर रहा पर सत्तारूढ भाजपा के विरोध के चलते गुजरात विधानसभा चुनाव में उसे प्रत्यक्ष या परोक्ष फायदा होगा.
         
हार्दिक ने अहमदाबाद में संवाददाता सम्मेलन में यह भी आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात चुनाव में पाटीदार मतों का बंटवारा करने के लिए 200 से 300 करोड़ रूपये खर्च कर निर्दलीय उम्मीदवारों को उतार रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेहद करीबी समझने वाले और गुजरात के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के कैलाशनाथन पर उन्हें राजद्रोह मामले में जेल में रहते हुए आंदोलन समेटने के लिए 1200 करोड़ रूपये का ऑफर देने का आरोप भी लगाया.
          
पास नेता ने कहा कि आरक्षण पर कांग्रेस के तीन फार्मूला में से पहला ही इतना सही निकला कि बाकी अन्य पर विचार की जरूरत नहीं पड़ी. इससे पाटीदार समुदाय के अन्य लोगों के साथ ही दो प्रमुख संस्थान उमिया धाम और खोंडलधाम भी सहमत हैं. कांग्रेस ने अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के 49 प्रतिशत आरक्षण को ज्यों का त्यों रखते हुए पाटीदार तथा अन्य गैर आरक्षित जातियो के लिए संविधान की धारा 31 (सी) और 46 तथा 15(4) तथा 16 (4) के प्रावधानों के अनुरूप आरक्षण के लिए कानून बनायेगी.

कांग्रेस सरकार बनते ही गुजरात विधानसभा में इसके लिए विधेयक पारित करेगी. इसके लिए मंडल आयोग के 22 प्रतिमान के अनुरूप सव्रेक्षण भी कराया जायेगा. कांग्रेस इस पूरे फामरूला को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी. उन्होंने दोहराया कि संविधान के प्रावधान के अनुरूप 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है.



उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में तीन अलग अलग निर्णय दिये हैं. 1994 के बाद से 9 राज्यों ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जिनमें से कुछ पर अदालत ने रोक लगा दी पर कर्नाटक,तमिलनाडु समेत कुछ राज्यों में ऐसी व्यवस्था लागू भी है.
          
उन्होंने कहा कि वह अगले ढाई साल तक किसी पार्टी में नहीं जायेंगे. उनका आरक्षण आंदोलन मांग पूरी होने तक कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी जारी रहेगा. भाजपा का विरोध वह करते रहेंगे और अगर उनके मां-बाप भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े तो वह उनको वोट नहीं देंगे. वह कांग्रेस के लिए सीधा प्रचार नहीं करेंगे पर अहंकारी भाजपा का विरोध करेंगे जिसका लाभ निश्चित तौर पर कांग्रेस को मिलेगा.
          
हार्दिक ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस से गुजरात चुनाव के लिए टिकटों की कोई मांग नहीं की थी पर उनकी ओर से बिना उनसे चर्चा किये पास के एक नेता को टिकट देने पर संगठन में नाराजगी हुई थी. पास में किसी तरह का मतभेद नहीं पर भाजपा पास के कुछ संयोजकों को खरीदने का भी प्रयास कर रही है. उनके कार्यक्रमों को भी रोकने तथा उनके संगठन के लोगों को डराने धमकाने का प्रयास भी किया जा रहा है.

गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को चुनाव होने हैं.

 

एजेंसिया


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