दिल्ली हाई कोर्ट में जजों की कमी को लेकर जनहित याचिका दायर

Last Updated 10 May 2025 01:34:17 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें न्यायाधीशों की कमी को उजागर किया गया है और योग्य जिला न्यायाधीशों व वकीलों को बार से पदोन्नत करके रिक्तियों को शीघ्रता से भरने का आग्रह किया गया है।




मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष अगले सप्ताह जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई होने की संभावना है।

दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के स्वीकृत पद 60 हैं, लेकिन फिलहाल न्यायालय 36 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है।

याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अमित साहनी ने याचिका में न्यायालय में न्यायाधीशों की कमी के संबंध में तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि न्यायाधीशों की कमी के कारण ‘समय पर न्याय प्रदान करने के प्रयासों और न्यायपालिका के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।”

पेशे से वकील साहनी ने अपनी याचिका में कहा है कि स्वीकृत संख्या के अनुसार न्यायालय में 45 स्थायी और 15 अतिरिक्त न्यायाधीशों समेत 60 न्यायाधीश होने चाहिए।

याचिका में कहा गया है, ‘हालांकि, फिलहाल न्यायालय केवल 36 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है जबकि 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। सेवानिवृत्ति, हाल ही में न्यायालय के बीच न्यायाधीशों के स्थानांतरण समेत कई कारणों से यह कमी हुई है। ऐसे में रिक्तियां होने से काफी पहले नियुक्तियां शुरू करने की आवश्यकता है।’

याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि वह संबंधित प्राधिकारियों को योग्य जिला न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं को बार से पदोन्नत करके न्यायिक रिक्तियों को भरने का निर्देश दे, जिससे उच्च न्यायालय का प्रभावी कामकाज सुनिश्चित हो सके।
 

भाषा
नई दिल्ली


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