Delhi Coaching Centre Incident: कोचिंग हादसे मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार, बड़े अधिकारी नपेंगे तभी बनेगी बात

Last Updated 01 Aug 2024 07:07:05 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कोचिंग सेंटर की इमारत के ‘बेसमेंट‘ में पानी भरने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले में प्राधिकारियों को बुधवार को फटकार लगाई और कहा कि जब ‘रेवड़ी संस्कृति’ के कारण कर संग्रह नहीं होता है, तब ऐसी त्रासदियां होना स्वाभाविक है।


कोचिंग हादसे मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार, बड़े अधिकारी नपेंगे तभी बनेगी बात

हाईकोर्ट ने किसी केंद्रीय एजेंसी को घटना की जांच का निर्देश देने का संकेत दिया और एमसीडी के आयुक्त, संबंधित क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त और मामले के जांच अधिकारी से शुक्रवार को उसके समक्ष पेश होने को कहा।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की पीठ ने कहा, एक ‘अजीब जांच‘ चल रही है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बाहर से गुजरने वाले कार चालक के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

लीपापोती की कोशिश हो रही है क्या?

पीठ ने कहा, क्या उनका दिमाग खराब हो गया है? दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? इसके अधिकारी क्या कर रहे हैं? लीपापोती की कोशिश हो रही है क्या? क्या अब तक इस घटना के लिए किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया है? हम आपसे कह रहे हैं कि एक बार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो गई, तो भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी।

नालों पर सभी अवैध निर्माण और अतिक्रमण को शुक्रवार तक हटाने का निर्देश

हाईकोर्ट ने प्राधिकारियों को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में नालों पर सभी अवैध निर्माण और अतिक्रमण को शुक्रवार तक हटाने का निर्देश भी दिया। पीठ ने कहा, यह बहुत ही गंभीर घटना है। शहर में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे की विफलता है। जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल अराजक है। हमें लगता ही नहीं है कि नगरीय एजेंसियां जमीनी स्तर पर काम भी करती हैं।

अदालत ने कहा, बहुमंजिला इमारतों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन पानी की उचित निकासी की व्यवस्था नहीं है।

आपके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो आप बुनियादी ढांचे को कैसे उन्नत करेंगे

उसने कहा, आपके विभाग दिवालिया हैं। यदि आपके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो आप बुनियादी ढांचे को कैसे उन्नत करेंगे? बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने की जरूरत है। आप रेवड़ी संस्कृति चाहते हैं, आप कर नहीं जुटाना चाहते। आप कोई पैसा इकट्ठा नहीं कर रहे हैं, इसलिए आप कोई पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं.. त्रासदी तो होनी ही थी।

हाईकोर्ट 27 जुलाई की शाम को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर की इमारत के ‘बेसमेंट‘ में बारिश का पानी भर जाने के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। अदालत शहर में ‘बेसमेंट‘ में संचालित हो रहे सैकड़ों पुस्तकालयों से संबंधित एक याचिका पर भी सुनवाई कर रही थी।

आप रेवड़ी संस्कृति चाहते हैं या उचित बुनियादी ढांचा

सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि लोग यह कहते हुए विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन करते हैं कि दिल्ली में पानी नहीं है और शहर को अपने हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है, लेकिन अगले दिन बाढ़ आ जाती है। पीठ ने कहा, आपको यह देखने की जरूरत है कि क्या आप रेवड़ी संस्कृति चाहते हैं या उचित बुनियादी ढांचा।  

आईएएनएस
नई दिल्ली


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