One Nation-One Election संवैधानिक संशोधन के बाद ही संभव : कांग्रेस

Last Updated 04 Sep 2023 05:17:24 PM IST

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन केवल संवैधानिक संशोधन के बाद ही संभव हो सकता है।


One Nation-One Election संवैधानिक संशोधन के बाद ही संभव : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए आठ सदस्यीय पैनल का गठन यह दर्शाता है कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस (इंडिया) की सफल बैठकों के कारण भाजपा पूरी तरह से घबरा गई है।

कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी. वेणुगोपाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "हम किसी भी चीज़ के लिए तैयार हैं। हमारी पार्टी तैयार है। इसका मतलब है कि बीजेपी पूरी तरह से घबरा गई है, इसीलिए वे जल्दबाजी कर रहे हैं। वे इंडिया और इसकी तीन सफल बैठकों के कारण घबरा गए हैं।"

केसी. वेणुगोपाल ने यह टिप्पणी इस सवाल पर की कि क्या कांग्रेस को लगता है कि चुनाव पहले कराए जा सकते हैं क्योंकि सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन किया है।

वेणुगोपाल ने वन नेशन-वन इलेक्शन की समिति में राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे को मान्यता नहीं देने पर भी सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता (एलओपी) को शामिल नहीं किया है और पूर्व एलओपी गुलाम नबी आजाद को शामिल किया है। ये केवल ऐसी चीजें हैं जो भाजपा कर सकती है। संविधान, लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान नहीं है और हम भाजपा से यही उम्मीद कर रहे हैं।

इस बीच, वन नेशन-वन इलेक्शन पर जयराम रमेश ने कहा कि संविधान में संशोधन के बिना यह असंभव है। संवैधानिक संशोधन की जरूरत है और इसके लिए आम सहमति बनानी होगी।

उन्होंने कहा कि ये सभी चीजें बाद में निपटाई जाएंगी क्योंकि अभी एक समिति गठित की गई है। हमारा रुख स्पष्ट है कि यह देश के संघीय ढांचे पर एक स्पष्ट हमला है। और, संवैधानिक संशोधन के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।

रमेश ने कहा कि 2017 में मोदी सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर नीति आयोग से एक परिचर्चा पत्र तैयार करवाया था और इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से वन नेशन-वन इलेक्शन कैसे लाया जाएगा।

लेकिन, अगर समिति की शर्तों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि उन्होंने पहले ही तय कर लिया है कि एक देश एक चुनाव की जरूरत है। तो यह बहुत आश्चर्य की बात है कि उन्होंने पहले से ही सब कुछ तय कर लिया है।

सरकार ने एक आठ पैनल समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं जबकि अमित शाह, आज़ाद और कई अन्य सदस्य हैं।

कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का हिस्सा बनाया गया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया है। वन नेशन-वन इलेक्शन का मुद्दा एक बड़े विवाद में बदल गया है और कांग्रेस ने सरकार पर पलटवार किया है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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