दिल्ली के लिए कांग्रेस की योजना सात महीने सात सीट,
कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा को जीतने का फार्मूला तय कर लिया।
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बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में गठबंधन को लेकर कोई ख़ास चर्चा तो नहीं हुई लेकिन राहुल गांधी ने सभी नेताओं को एक साफ-साफ़ कह दिया कि कोई भी नेता पार्टी लाइन से हटकर बयान ना दे। खरगे और राहुल गांधी ने दिल्ली के सभी नेताओं को यह भी कह दिया कि अभी लोकसभा चुनाव में लगभग सात महीने का समय बचा है, ऐसे में सब लोग साथ महीने सात सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चुनाव अभियान में जूट जाएं।
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में वैसे तो सभी पार्टियां जुट चुकी है। कांग्रेस भी जोर शोर से चुनावी रणनीति बनाने में लग गई है। उसने अब तक देश के 18 राज्यों के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर ली है। बुधवार को 19 वें राज्य के रूप में दिल्ली में बैठक की। हालाँकि इस बैठक में किन-किन मुद्दों पर बात हुई है, इसका ज्यादा खुलासा तो नहीं हो पाया है, लेकिन कांग्रेस की नेता अलका लाम्बा ने इस मीटिंग के बारे में बताया कि तीन घंटे तक की मीटिंग चल, जिसमें सबसे पहले संगठन की कमजोरियों पर चर्चा की गई।
राहुल ने स्पष्ट तौर से बता दिया कि संगठन को हर हाल में मजबूत करना होगा। संगठन के सभी लोगों को साथ लेकर चलना होगा। सबको बराबर सम्मान देना होगा। लाम्बा ने बताया कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चर्चा हुई। चूँकि कांग्रेस "इण्डिया" गठबंधन में शामिल है लिहाजा दिल्ली की कितनी सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी, इसको लेकर फैसला बाद में होगा। लेकिन सभी सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ा जायेगा। हालांकि अलका लांबा ने इशारों-इशारों में आम आदमी पार्टी के बारे में भी बता दिया। उन्होंने बड़ी सफाई से "आप"पर लगे आरोपों का भी जिक्र कर दिया और यह भी कह दिया कि आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।
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