SC में Unitech के Promoter संजय चंद्रा की पत्नी की बेल पर बहस स्थगित

Last Updated 24 Jul 2023 06:13:03 PM IST

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यूनिटेक के संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।


सुप्रीम कोर्ट

भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ उन्‍हें जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ईडी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

चंद्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया, "वह अक्टूबर 2021 से जेल में हैं। आपको (ईडी) उनकी क्या जरूरत है? उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है।”

केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, "यह एक ऐसा मामला है जहां कोई जमानत नहीं दी जा सकती। यह करोड़ों रुपये, 10 हजार करोड़ रुपये की एक बड़ी धोखाधड़ी है।''

मामले को सबसे आखिर में सूचीबद्ध किया गया था। समयाभाव के कारण अदालत ने सुनवाई बाद के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले 16 जून को सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने प्रीति चंद्रा को जमानत देने के दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी थी।

हालांकि, हाई कोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने कहा था कि आदेश 16 जून तक प्रभावी नहीं होगा, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आदेश को चुनौती देने के लिए समय मांगा था।

घर खरीददारों की शिकायतों पर यूनिटेक ग्रुप और उसके प्रमोटरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई विभिन्न प्राथमिकियों के आधार पर ईडी ने 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।

जांच एजेंसी ने 2021 में यूनिटेक ग्रुप के संस्थापक रमेश चंद्रा, प्रीति चंद्रा और कार्नोसाइट ग्रुप के राजेश मलिक को गिरफ्तार किया था। यह आरोप लगाया गया है कि यूनिटेक लिमिटेड, जहां आरोपी रमेश चंद्रा चेयरमैन हैं, सह-आरोपी अजय चंद्रा और संजय चंद्रा निदेशक हैं, ने आवास परियोजनाओं के लिए घर खरीदारों से धन एकत्र किया।

हालांकि, ईडी के मुताबिक, फंड का इस्तेमाल उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया जिसके लिए इसे इकट्ठा किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्तियों ने इस राशि को कई अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिया, आरोपी व्यक्तियों ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक साइप्रस और केमैन द्वीप में स्थानांतरित कर दिए।

ईडी के मुताबिक, आरोपी प्रीति चंद्रा को अपनी कंपनी प्रकौस्ली इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में अपराध से 107.40 करोड़ रुपये मिले।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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