Delhi LG बनाम CM : SC तदर्थ आधार पर DERC अध्यक्ष की नियुक्ति करेगा

Last Updated 20 Jul 2023 08:37:08 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह डीईआरसी के एक तदर्थ अध्यक्ष की नियुक्ति करेगा, क्योंकि उसे बताया गया था कि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री इस बात पर आम सहमति बनाने में विफल रहे कि बिजली शुल्क नियामक संस्था का प्रमुख कौन होना चाहिए।


बिजली शुल्क नियामक संस्था

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और मनोज मिश्रा की पीठ ने "नेतृत्वहीन" संस्था पर चिंता जताई।

न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने टिप्पणी की, "यह दुखद है कि किसी को भी संस्था की परवाह नहीं है।"

शीर्ष अदालत ने संकेत दिया कि वह मामले के निपटारे तक दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के कामकाज की देखरेख के लिए प्रोटेम आधार पर किसी को अस्थायी रूप से नियुक्त करेगी।

दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "हम वहां (उपराज्यपाल के पास) तीन नामों और दो अतिरिक्त नामों के साथ गए थे, लेकिन हम सहमत नहीं हो सके।"

दूसरी ओर, उपराज्यपाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अदालत के विवेक के अनुरूप किसी भी उम्मीदवार को डीईआरसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

अदालत ने मामले पर आगे विचार के लिए 4 अगस्त की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को "एक साथ बैठने" और "राजनीतिक विवाद से ऊपर उठने" के लिए डीईआरसी के अध्यक्ष के नाम पर पारस्परिक रूप से निर्णय लेने के लिए कहा था और फिर मामले को गुरुवार को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया था।

4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को निर्देश दिया था कि वह नवनियुक्त डीईआरसी चेयरमैन जस्टिस उमेश कुमार (सेवानिवृत्त) को पद की शपथ न दिलाएं। इसने निर्देश दिया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को शपथ दिलाना 11 जुलाई तक स्थगित रहेगा।

शीर्ष अदालत आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति 'अवैध और असंवैधानिक' थी। इसमें दावा किया गया कि निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह को 'नजरअंदाज' करके नियुक्ति की गई। 22 जून को उपराज्यपाल ने सेवानिवृत्त एमपी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव को नियुक्त करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए उमेश कुमार को अध्यक्ष नियुक्त किया था।

दिल्ली सरकार ने नियुक्तियों के मामले में निर्वाचित सरकार पर उपराज्यपाल को अधिभावी शक्तियां देने वाले हालिया अध्यादेश के माध्यम से पेश जीएनसीटीडी अधिनियम की धारा 45-ए को चुनौती दी है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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