GNCTD यानी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने दी दिल्ली वासियों को राहत वाली सूचना
इस वर्ष दिल्ली की यमुना नदी में अप्रत्याशित रूप से पानी की वृद्धि को लेकर GNCTD यानी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने चिंता जताई है।
![]() दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार |
मुख्य सचिव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि अब किसी को कोई दिक्कत ना हो। उन्होंने कहा कि इस बार लगभग 45 वर्षों का रिकार्ड टूटा है। 1978 में दिल्ली वासियों को ऐसी आपदा देखने को मिली थी। उस समय जल स्तर का रिकार्ड 207.49 मीटर दर्ज किया गया था। जबकि इस बार 208.66 मीटर तक जल स्तर बढ़ा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रण करने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
बाढ़ से बचाव और उससे प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सभी मिलकर काम कर रहे हैं। इन कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ और भारतीय सेना का सहयोग लिया जा रहा है। इस दौरान संभागीय आयुक्त (राजस्व ) ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल अभूतपूर्व बाढ़ का सामना करना पड़ा है। दिल्ली और ऊपरी यमुना बेसिन में 9 और 10 जुलाई को भारी बारिश हुई थी। कुछ इलाकों में तो 200 मिमी से भी ज्यादा बारिश हुई थी। उन्होंने बताया कि यह बारिश का पानी यमुना नदी में ही गया, जिसकी वजह से यमुना का जल स्तर वर्ष के उच्चतम जल स्तर 207.49 मिमी की तुलना में 208.66 मिमी तक पहुँच गया।
जबकि यमुना का जल चेतावनी स्तर 204.50 और खतरे का स्तर 205.33 निर्धारित है। उन्होंने बतया कि अब यमुना का जल स्तर घट रहा है। जिस हिसाब से जल स्तर घट रहा है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि स्थिति में सुधार होने की संभावना है। कुछ आवासीय कालोनियों में जल स्तर घट रहा है। जल स्तर बढ़ने की वजह से जो लोग अपना घर छोड़ चुके थे, अब वो घर वापसी करने लगे हैं। कई प्रभावित इलाकों से 25478 लोगों को निकाल लिया गया है। जो प्रभवित लोग हैं, उनके लिए 44 राहत शिविर स्थापित किये गए हैं। उनके लिए भोजन और पीने का पानी समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है। कुछ शिविर सरकारी भवनों में चल रहे हैं, जबकि कुछ अस्थाई बनाये गए है।
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की 18 टीमें डिप्लायड की गई हैं। जिनमें हर एक टीम में 25 लोग हैं। 23 एम्बुलेंस वहां लगाए गए हैं। जबकि 23 एम्बुलेंस स्टैनबाई रखे गए हैं। भारतीय सेना की इंजीयरिंग कोर के 60 एक्सपर्ट वहां तैनात हैं। उन सबकी सेवा दिन रात की है। मिडिया को यह भी जानकारी दी गई कि दिल्ली वासियों को खासकर के शहरी लोगों 12 एमजीडी पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई है। मिडिया को जानकारी देते हुए कहा गया कि इस समय दिल्ली सरकार के 60 आईएएस और दानिक्स सेवा के अधिकारी हर एक चीज पर निगरानी रखे हुए हैं। सिंचाई विभाग ,बाढ़ नियंत्रण और बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने स्तर से हर एक चीजों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर उनका और उनके पशुओं का ख्याल रखा जा रहा है।
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