लेट फीस लेने का अधिकार गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को नहीं : हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि छात्रों के फीस नहीं देने की दशा में निर्धारित तिथि के 10 दिन बाद पांच पैसे प्रतिदिन की दर से लेट फीस वसूलने का अधिकार गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को नहीं है।
![]() दिल्ली स्कूल (प्रतिकात्मक चित्र) |
न्यायमूर्ति विभु बाखरू व न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि दिल्ली शिक्षा कानून के चैप्टर 13 के नियम केवल सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू होता है, न कि निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर। फीस नहीं देने की दशा में सहायता प्राप्त स्कूलों को छात्रों का नाम काटने का अधिकार नहीं है, लेकिन यह अधिकार गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को है।
पीठ ने कहा कि सहायता प्राप्त स्कूलों के संबंध में जो नियम उनके आवश्यक निहितार्थ लागू होते हैं, उन्हें निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के मामलों लागू नहीं किया जा सकता है। फीस वसूलने के मामले में निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को पर्याप्त स्वायत्तता है।
निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल अपनी फीस संरचना तय करने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें न केवल ट्यूशन फीस बल्कि अन्य फीस जैसे देय शुल्क व योगदान भी शामिल हैं। पीठ ने स्पष्ट किया कि निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा एकत्र की जाने वाली राशि अधिनियम के अन्य प्रावधानों से शासित होती है।
कोर्ट ने यह बात कार्य समिति गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूल बनाम निदेशक (शिक्षा) व अन्य के मामले में दिया है।
| Tweet![]() |