Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद, CM केजरीवाल ने किया ऐलान- ऑड-ईवन पर किया जा रहा विचार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को घोषणा की, कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सभी प्राथमिक स्कूल शनिवार से तब तक बंद रहेंगे, जब तक कि हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता।
![]() दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) |
उन्होंने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बिगड़ती वायु गुणवत्ता और प्रदूषण का स्तर पूरे उत्तर भारत की समस्या है और केंद्र को इसके समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह समय दोषारोपण और राजनीति का नहीं, बल्कि समस्या का समाधान खोजने का है। केजरीवाल या पंजाब सरकार को दोष देने से कुछ नहीं होगा।’’
शहर में शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है।
केजरीवाल ने घोषणा की कि शनिवार से शहर में प्राथमिक स्कूल बंद रहेंगे और स्कूलों में पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के छात्रों की खुले में खेल गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं।’’
केजरीवाल ने अपने पंजाब समकक्ष भगवंत मान के साथ एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
केजरीवाल ने कहा प्रदूषण को रोकने में मदद करने के लिए केंद्र की नेतृत्व की भूमिका की मांग की, जिसे उन्होंने पूरे उत्तर भारत की समस्या करार दिया।
केजरीवाल ने कहा, केंद्र सरकार अब पीछे नहीं रह सकती। केंद्र को इसका नेतृत्व करना होगा। राजस्थान के भिवंडी से लेकर बिहार के बेतिया और मोतिहारी तक हवा की गुणवत्ता की स्थिति बिगड़ रही है। यह पूरे उत्तर भारत की समस्या है। इसके लिए हमें एक साथ बैठकर समाधान निकालने के लिए बात करनी होगी।
केजरीवाल ने स्वीकार किया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की जिम्मेदारी उनकी पार्टी की है क्योंकि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘‘चूंकि, पंजाब में हमारी सरकार है इसलिए पराली जलाने की घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार हैं। हमें वहां सरकार बनाए केवल छह महीने हुए हैं और कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है। हम हल ढूंढ रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हमें एक साल का समय दें।’’
वहीं, मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब में धान की भारी पैदावार के चलते पराली की मात्रा और बढ़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के खेतों में पराली को दबाने के लिए 1.20 लाख मशीन तैनात की गई हैं। ग्राम पंचायतों ने पराली नहीं जलाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किए हैं।’’
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