सुरक्षा बढ़ाने के लिए डायल ने दिल्ली एयरपोर्ट के वाहनों में स्थापित किए डिवाइस
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने सुरक्षा बढ़ाने और वाहनों की लोकेशन ट्रैक करने के लिए हवाईअड्डे पर इस्तेमाल होने वाले अपने वाहनों में अपनी तरह का पहला आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरण लगाया है।
![]() सुरक्षा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट के वाहनों में स्थापित किए डिवाइस |
दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास करीब 1,000 डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन वाहनों में दोपहिया (मोटरसाइकिल), हल्के मोटर वाहन (एलएमवी), भारी मोटर वाहन (एचएमवी) और ट्रैक्टर शामिल हैं।
दिल्ली इंटरनेशल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल/डीआईएएल) अपने सभी वाहनों में चरणबद्ध तरीके से आईओटी डिवाइस लगा रहा है। अगस्त के अंत तक डायल के सभी वाहनों में आईओटी डिवाइस लगे होंगे।
डायल ने बुधवार को कहा कि इन वाहनों में आईओटी उपकरणों की स्थापना के बाद से, डायल ने हवाई और लैंडसाइड पर सुरक्षा मानकों को बढ़ाया है। जब भी सुरक्षा नियमों का कोई उल्लंघन होता है, जैसे अनुमत गति सीमा से अधिक वाहन चलाना और हवाई क्षेत्र में निर्दिष्ट क्षेत्रों में या बाहर वाहन चलाना, तो आईओटी उपकरण संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेज देते हैं।
इन उपकरणों ने डायल को एयरपोर्ट रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग (एआरएफएफ), एयरसाइड ऑपरेशंस, सुरक्षा और परियोजना और इंजीनियरिंग (पी एंड ई) टीमों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपयोगिता वाहनों (यूटिलिटी व्हीकल्स) में लगभग 23 प्रतिशत ईंधन बचाने में मदद की है। इसी तरह ट्रैक्टरों में आईओटी उपकरण लगाने के बाद करीब नौ प्रतिशत ईंधन की बचत हुई है।
इसके अलावा, आईओटी डिवाइस वाहन की गति से संबंधित सभी डेटा को सहेजते हैं, जैसे समय, दूरी, वाहन में ईंधन, यदि वाहन निष्क्रिय है या चल रहा है, आदि। वाहनों का कोई भी अनधिकृत उपयोग- जैसे एयर कंडीशनिंग चलाने के दौरान वाहन चालू खड़े रखना, वाहन को अनुमत क्षेत्र से बाहर ले जाने आदि पर इन उपकरणों की मदद से आसानी से निगरानी की जा सकती है। इस तरह डायल ईंधन बचाने और उत्सर्जन की जांच करने में भी कामयाब रह सकता है।
इसके अलावा, इस कदम से डायल को प्रति वर्ष लगभग 8,82,200 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिलेगी। पांच वर्षों में, ये आईओटी फिटिड-व्हीकल डायल को लगभग 44,10,922 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे।
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