राष्ट्रपति मुर्मू पर अधीर रंजन की टिप्पणी राजनीतिक स्तर में गिरावट

Last Updated 29 Jul 2022 03:50:28 PM IST

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा 28 जुलाई को राष्ट्रपति को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा जारी है। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'राष्ट्रपत्नी' बोल दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी। लेकिन इस बयान को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अन्य भाजपा सांसदों ने न केवल अधीर रंजन चौधरी से बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी माफी मांगने को कहा है।

देश के राष्ट्रपति को लेकर दिया गया यह बयान अब बड़े विवाद का रूप ले रहा है।

देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के बारे में चौधरी की अपमानजनक टिप्पणी देश में राजनीतिक विमर्श के स्तर में गिरावट को दर्शाती है। रैलियों और मीडिया बातचीत के दौरान राजनेताओं द्वारा व्यक्तिगत हमले और अभद्र भाषा का उपयोग आम हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सोनिया गांधी के बयान में जहां मौत का सौदागर जैसे शब्द शामिल होते हैं, तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी पीएम मोदी को कायर और मनोरोगी कहकर उनपर हमला करते हैं।

इनके अलावा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पीएम मोदी दीदी ओ दीदी संबोधित करके टिप्पणी करते हैं। यह कुछ उदाहरण जो देश में राजनीतिक विमर्श के स्तर में गिरावट को प्रदर्शित करते हैं।

सीवोटर- इंडियाट्रैकर ने चौधरी की टिप्पणियों और भारतीय राजनीति में गिरावट के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी जनमत सर्वे किया।

सर्वे के दौरान, 57 प्रतिशत लोगों ने कहा कि देश के राष्ट्रपति के बारे में कांग्रेस नेता की अपमानजनक टिप्पणी देश में राजनीतिक स्तर के गिरावट को दर्शाती है। हालांकि, 43 फीसदी लोगों ने इस पर अपनी अलग राय पेश की।

सर्वे में एनडीए के 62 प्रतिशत मतदाताओं का मानना है कि चौधरी की विवादास्पद टिप्पणी देश की वर्तमान पीढ़ी के राजनेताओं के बेकार राजनीति को दर्शाती है। वही विपक्षी समर्थकों के विचार विभाजित रहे।

सर्वे के दौरान, विपक्ष के 53 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि कांग्रेस नेता की टिप्पणियों से पता चलता है कि देश में राजनीतिक स्तर में गिरावट आ रही है। वहीं, 47 फीसदी विपक्षी समर्थकों ने इस पर अपनी कोई भी राय पेश नहीं की।

इसी तरह, शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाताओं के विचार अलग-अलग नजर आए। सर्वे के दौरान 56 प्रतिशत शहरी और 55 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने कहा कि चौधरी की टिप्पणी ने देश में राजनीतिक विमर्श के स्तर में गिरावट का प्रदर्शन किया है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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