शिक्षक व कर्मचारियों की कमी पर जवाब दे सरकार : हाईकोर्ट

Last Updated 24 May 2022 05:38:18 AM IST

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों व कर्मचारियों को बहाल करने के मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।


दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों की कमी

साथ ही सरकार से स्कूलों में मुहैया कराई जा रहे बुनियादी ढांचे के बारे में भी बताने को कहा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने सरकार को प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने का भी निर्देश दिया है। पीठ ने सरकार से हलफनामा दाखिल कर मौजूदा रिक्तियों की वर्तमान स्थिति तथा उसे भरने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी देने को कहा है। साथ ही रिक्तियों को भरने का समय सीमा बताने को कहा है। उसने सरकार से अपने स्कूलों की बुनियादी ढांचे की कमी का खुलासा करने तथा इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है। पीठ ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई 9 नवंबर के लिए स्थगित कर दी है।
पीठ ने यह दिशा निर्देश याचिकाकर्ता सालेख चंद जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के 1027 स्कूलों में शिक्षकों के 45,503 पद रिक्त हैं। उनमें से कई स्कूलों में कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी आदि नहीं हैं। वकील जेके गुप्ता के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है कि संकाय की कमी के कारण छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। वे अन्य स्कूलों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने राज्य में कोई भी अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया कराने के लिए कुछ नहीं किया है।

याचिका में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में अधिकांश छात्र निम्न मध्यम वर्ग व गरीब परिवारों से हैं। वे निजी ट्यूशन का खर्च नहीं उठा सकते हैं। शिक्षक व कर्मचारियों की कमी के कारण दिल्ली सरकार गरीब छात्रों के जीवन और समृद्धि और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इतना ही नहीं शिक्षकों की भारी कमी है। शिक्षकों के बिना छात्र शिक्षा के अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हैं। इसलिए वर्तमान याचिका भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गई है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि अधिकांश स्कूलों में मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरे और गार्ड नहीं हैं। इस वहज से कुछ अवांछित व असामाजिक तत्व स्कूलों में आ सकते हैं और उपद्रव कर सकते हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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