भारत और अमेरिका ने टोक्यो में नए निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए

Last Updated 23 May 2022 08:50:25 PM IST

भारत और अमेरिका ने सोमवार को जापान के टोक्यो में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते (आईआईए) पर हस्ताक्षर किए। यह वर्ष 1997 में भारत सरकार और अमेरिकी सरकार के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।


भारत और अमेरिका ने टोक्यो में नए निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए

इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा और यू. एस. इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएफसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कॉट नाथन ने हस्ताक्षर किए।

भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह निवेश प्रोत्साहन समझौता वर्ष 1997 में भारत और अमेरिकी सरकार के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेगा। पूर्व में, 1997 में निवेश प्रोत्साहन समझौता पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति हुई हैं, जिसमें डीएफसी नाम की एक नई एजेंसी का गठन भी शामिल है। डीएफसी अमेरिका की एक विकास वित्त एजेंसी है और इसका गठन अमेरिका के हालिया कानून, बिल्ड एक्ट 2018, के अधिनियमन के बाद पूर्ववर्ती विदेशी निजी निवेश निगम (ओपीआईसी) की उत्तराधिकारी एजेंसी के रूप में हुआ है। ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा, संभावित परियोजनाओं एवं अनुदानों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन जैसे डीएफसी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।"

बयान के अनुसार, "यह समझौता भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने की ²ष्टि से डीएफसी के लिए कानूनी जरूरत है। डीएफसी या उनकी पूर्ववर्ती एजेंसियां 1974 से भारत में सक्रिय हैं और अब तक 5.8 अरब डॉलर की निवेश सहायता प्रदान कर चुकी हैं, जिसमें से 2.9 अरब डॉलर अभी भी बकाया हैं।"

बयान में आगे कहा गया है कि भारत में निवेश सहायता प्रदान करने के लिए डीएफसी के 4 अरब डॉलर मूल्य के प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। डीएफसी ने कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन, स्वास्थ्य संबंधी वित्तपोषण, नवीकरणीय ऊर्जा, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) के वित्तपोषण, वित्तीय समावेशन, बुनियादी ढांचा जैसे विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश सहायता प्रदान की है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, "उम्मीद है कि इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर होने से भारत में डीएफसी द्वारा प्रदान की जाने वाली निवेश सहायता में वृद्धि होगी, जिससे भारत के विकास में और अधिक मदद मिलेगी।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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