दिल्ली में फिर एक नगर निगम, संसद की मिली मंजूरी, शाह बोले, चुनाव छह महीने बाद

Last Updated 06 Apr 2022 03:31:03 AM IST

दिल्ली की तीनों एमसीडी के एकीकरण सम्बंधी दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्यसभा ने भी मंगलवार को पारित कर दिया।


दिल्ली में फिर एक नगर निगम

विधेयक को प्रवर समिति में भेजने संबंधी माकपा सांसद जॉन ब्रिटास का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में चुनाव समय पर यानी 6 माह बाद होंगे। उन्होंने बताया कि एमसीडी में राजनीतिक प्रशासक की बजाए पुराने कानून के तहत विशेष अधिकारी की नियुक्ति होगी।

अमित शाह ने इस विधेयक का विरोध करने वाली आप पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कहीं एमसीडी लेने के चक्कर में दिल्ली की सरकार न चली जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता दिल्ली के गली-मोहल्लों में जाकर जनता को बताएंगे कि दिल्ली की सरकार उन्हें किस तरह प्रताड़ित कर रही है।

गृह मंत्री ने कहा कि उक्त विधेयक इसलिए लाया गया, क्योंकि दिल्ली की आप पार्टी की सरकार तीनों एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही थी। उन्होंने कहा कि विधेयक संविधान में प्रदत शक्तियों का उपयोग करके लाया गया है। यह संघीय ढांचे पर हमला नहीं है, क्योंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। अमित शाह ने इसी क्रम में आप को नसीहत भी दे डाली कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य समझने की महत्वाकांक्षा को रिपेयर भी कर लें। उन्होंने कहा कि दिल्ली का केंद्र शासित राज्य से अलग स्टेट्स है।

गृह मंत्री ने आपातकाल का उल्लेख करके कहा कि कांग्रेस को यह आरोप लगाने का अधिकार नहीं है कि भाजपा को सत्ता की भूख है। इस पर कांग्रेस के सांसदों ने शोर भी किया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की भी खिंचाई की और कहा कि बंगाल में 108 नगर पालिकाओं के चुनाव नहीं हुए हैं। अमित शाह ने आप सांसद संजय सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा हारने से नहीं डरती और इस वजह से एमसीडी का एकीकरण नहीं किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि एमसीडी के एकीकरण का विधेयक इसलिए लाया गया कि वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप दिल्ली सरकार तीनों एमसीडी को आर्थिक मदद नहीं कर रही थी।

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार एमसीडी को 19 हजार करोड़ रुपए देती, तो वे लाभ में होते। गृह मंत्री ने कहा कि एमसीडी ने कर बढ़ाने संबंधी समय-समय पर जो प्रस्ताव भेजे, उन्हें भी दिल्ली सरकार ने मंजूरी नहीं दी। इसकी वजह से एमसीडी जरूरी काम भी नहीं कर पा रही थी। उन्होंने कहा कि वह आप को चुनौती देते हैं कि वह 6 महीने बाद मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए  सामने आए। उन्होंने कहा कि एकीकरण से प्रशासनिक खचरे में कमी आएगी।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment