दिल्ली के सीएम का रोजगार सृजन का दावा खुला झूठ : कांग्रेस
दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए दिल्ली बजट-2022 को दिल्ली सरकार जनता का लाभ वाला बजट बता रही है, तो वहीं दिल्ली कांग्रेस का मानना है कि सरकार ने गरीबों के लिए कोई खास प्रावधान नहीं किए है, वहीं इस बजट को दलित विरोधी भी है।
![]() प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार |
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया, "वर्ष 2018 में केजरीवाल द्वारा ग्रीन बजट पेश किया गया था, लेकिन उसके बाद से दिल्ली लगातार चौथी बार सबसे प्रदुषित राजधानी बनी। कांग्रेस ने युवाओं के वोट देने की न्युनतम उम्र 18 की थी और केजरीवाल ने शराब पीने की उम्र 21 की है। इससे साबित होता है कि केजरीवाल की योजनाएं जन विरोधी है।"
उन्होंने कहा, "वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा विधानसभा में पेश किए गए दिल्ली बजट-2022 को 2015 की तुलना में बढ़कर 76,000 करोड़ हो गया है, जबकि 2015 में यही बजट 31,000 करोड़ रुपये था, लेकिन तब भी न तो राजधानी के बुनियादी ढांचे में कोई सुधार हो सका और ना ही लोगों के जीवन में कोई परिवर्तन हुआ लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद अपने अधूरे झूठे वायदों के लिए खुद की पीठ ठप थापते रहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "रोजगार बजट में पांच साल में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करने का वादा किया गया है, हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आठ साल पहले 8 लाख नौकरियां पैदा करने का आश्वासन अभी तक पूरा नहीं हुआ है।"
दरअसल, दिल्ली की सत्ताधारी सरकार आम आदमी पार्टी ने शनिवार को 8वां बजट पेश किया। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह युवाओं के लिए बहुत जरूरी बजट है, इसलिए इसका नाम रोजगार बजट दिया गया है। वहीं दिल्ली के लोगों की औसत आय में 16.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
बजट में वित्तमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि "2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश कर रहा हूं, जो कि 2014-15 के 30,940 करोड़ रुपये के बजट का ढाई गुना है।"
| Tweet![]() |