वायुसेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों में सहयोगी बनेगा आईआईटी दिल्ली

Last Updated 13 Dec 2021 06:01:42 PM IST

भारतीय वायु सेना और आईआईटी दिल्ली ने वायु सेना की आवश्यकताओं के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस संयुक्त साझेदारी का उद्देश्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए वायु सेना द्वारा किये जा रहे स्वदेशीकरण के प्रयासों में तेजी लाना है।


वायुसेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों में सहयोगी आईआईटी दिल्ली

भारतीय वायुसेना ने प्रौद्योगिकी विकास और विभिन्न हथियार प्रणालियों को बनाए रखने के लिए स्वदेशी समाधान खोजने वाले क्षेत्रों की पहचान की है। आईआईटी दिल्ली इसमें व्यवहार्यता अध्ययन और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान द्वारा विधिवत समर्थित सहयोग और परामर्श प्रदान करेगा।

आईआईटी दिल्ली ने बताया कि वायुसेना और उनके बीच यह समझौता विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए है। एयर वाइस मार्शल समीर वी बोराडे वीएसएम, डिप्टी सीनियर मेंटेनेंस स्टाफ ऑफिसर, हेडक्वार्टर मेंटेनेंस कमांड, आईएएफ और प्रोफेसर एम. आर. रवि, अध्यक्ष यांत्रिक इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इंडियन एयर फोर्स और आईआईटी दिल्ली के बीच हुई ये साझेदारी रखरखाव क्षमता, अप्रचलन प्रबंधन, स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में मेंटिनेंस कमान वायु सेना के बेस रिपेयर डिपो के प्रयासों को काफी बढ़ावा देगी।

वर्ष 2017 में आईआईटी दिल्ली ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वित्तीय सहयोग से संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया था। संस्थान में वर्तमान में 80 से अधिक संकाय सदस्य और 150 कर्मचारी और पीएचडी छात्र रक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। भारतीय वायु सेना के साथ हुए इस समझौता ज्ञापन से इन परियोजनाओं को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

देश के कई बड़े उद्योग व कंपनियां रिसर्च के लिए न केवल आईआईटी की मदद लेंगी बल्कि स्वयं आईआईटी के साथ मिलकर रिसर्च भी करेंगी। कई सरकारी संस्थान तो पहले से ही व्यापक पैमाने पर आईआईटी दिल्ली के साथ कोलैबोरेटिव रिसर्च कर रहे हैं। रक्षा उपकरणों को विकसित करने वाला डीआरडीओ, आईआईटी दिल्ली में इसके लिए 500 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है।

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक स्पॉन्सर्ड रिसर्च के लिए आईआईटी में विशेष रिसर्च पार्क भी बनाया जा रहा है। आईआईटी दिल्ली के इस रिसर्च पार्क में देश की कई बड़ी गैर सरकारी संस्थाओं की भागीदारी होगी।

आईआईटी परिसर में 100 से अधिक उद्योगों के लिए यह रिसर्च पार्क होगा। संस्थान ने इस पहल के लिए आधुनिक प्रयोगशालाओं और सहायक बुनियादी ढांचे की स्थापना की है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी.राम गोपाल राव के मुताबिक 100 से अधिक कंपनियों ने कैंपस में इस प्रकार की स्पॉन्सर्ड रिसर्च को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। कई कंपनियों ने इसमें निवेश भी किया है। टाटा समूह ने स्पॉन्सर्ड रिसर्च के तहत आईआईटी दिल्ली को 50 करोड़ दिए हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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