झारखंड के धनबाद जिले के कुमारधुबी स्थित एक इंक्लाइंड कोयला खदान से केबल चुराने के लिए घुसे लगभग 20 से 25 अपराधकर्मी पिछले 36 घंटों से भी ज्यादा वक्त से अंदर फंसे हैं। इधर खदान के मुहाने पर पुलिसकर्मी और सुरक्षा बलों के जवान उनके इंतजार में पहरा दे रहे हैं।
 |
बीते रविवार की रात चोरों का गिरोह केबल चोरी के इरादे से खदान में घुसा ही था कि इसकी सूचना पाकर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों का दस्ता मौके पर पहुंच गया। इसपर अपराधियों ने पुलिसकर्मियों पर बम फेंके और कई राउंड फायरिंग की। इस हमले में एक सिक्योरिटी इंस्पेक्टर अवध बिहारी महतो घायल हो गये हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की थी, लेकिन इससे कोई हताहत हुआ या नहीं, यह पता नहीं चल पाया है। बहरहाल, मंगलवार दोपहर ढाई बजे तक स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। अपराधकर्मी भूमिगत खदान में छिपे हैं और पुलिस बाहर उनका इंतजार कर रही है।
खदान में छिपे बैठे अपराधियों को बाहर निकालना जिला प्रशासन औरपुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। सीआईएसएफ लगातार प्रयास कर रही है कि चोरों को खदान से बाहर निकाला जाये, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई सफलता नहीं मिल पायी है। धनबाद की ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन सहित कई अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि 25 से 30 अपराधी अंदर घुसे हुए हैं और उनके पास हथियार भी है। पुलिस की टीम अंदर गयी थी, लेकिन वापस आ गयी है। अपराधी बाहर नहीं आये तो फिर से सुरक्षा के साथ अंदर जायेगी।
बहरहाल, लाउडस्पीकर के जरिए अपराधियों को बाहर आने को कहा जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा है। पुलिस ने खदान में छिपे चोरों के लिए खाना भिजवाने की भी कोशिश की, लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है कि वे खदान में कहां छिपे हैं। खदान के समीप मीडिया कर्मियों को अब जाने से रोक दिया गया है। बताया गया है कि रविवार की आधी रात जब लाइन ट्रिप होने की वजह से बिजली कटी थी, तो इसका फायदा उठाकर दो दर्जन से अधिक की संख्या में केबल लुटेरे इंकलाइन के अंदर प्रवेश कर गये थे।
यह इंक्लाइंड कोयला खदान इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लिए अंतर्गत है और इसे भाग्यलक्खी इंक्लाइड खदान के नाम से जाना जाता है। जिस स्थान पर यह खदान है,उसके चारों ओर सुरक्षा के लिएदीवार भी है। लेकिन चारदीवारी के बावजूद प्राय: 20 से 25 की संख्या में अपराधी हथियार, बम लेकर यहां केबल चोरी करने पहुंच जाते हैं। अपराधी इससे पहले भी कई बार केबल चोरी की कईघटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। केबल चोरीं के कारण कम्पनी को भारी नुकसान होता है। कई बार कोयला उत्पादन बंद करने की नौबत भी आयी है।
| | |
 |