19 माह बाद खुले 8वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल
राजधानी दिल्ली में करीब 19 माह बाद सोमवार को आठवीं तक के छात्रों के लिए कई स्कूल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल गए।
![]() 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुले दिल्ली सरकार के स्कूल में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ समय बिताता एक छात्र। फोटो : प्रेट्र |
कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 से स्कूलों में कक्षाएं बंद कर दी गई थीं। हालांकि कई निजी स्कूल दिवाली के बाद कक्षाएं शुरू करेंगे। नौंवी से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल सितम्बर में ही खुल गए थे। स्कूलों के सोमवार को खुलने पर छात्र मास्क पहने नजर आए। स्कूल में प्रवेश तथा निकास के समय उचित दूरी बनाए रखने के लिए स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं और छात्रों की ‘थर्मल’ जांच की जा रही है। इस बीच उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पूर्वी दिल्ली के विनोद नगर में राजकीय सवरेदय विद्यालय पहुंचे और छात्रों के साथ बातचीत की।
उन्होंने कहा कि आखिरकार स्कूल वापस आने का समय आ गया है। लगभग डेढ़ साल बाद, बच्चे स्कूल वापस लौट आए। बच्चों को कक्षाओं में हंसते और मस्ती करते देखना काफी भावुक क्षण था। हम सभी छात्रों का स्कूल में स्वागत करते हैं। सिसोदिया ने स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के साथ समय बिताया, जहां एक छात्र उनके डाक्टर बने और शिक्षा मंत्री ने एक मरीज की भूमिका निभाई।
उप मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा ‘स्कूल की कक्षा में इस खास चिकित्सक से मिला। पूरे शरीर की जांच कराई, इंजेक्शन और दवा भी ली.. मुझे आइसक्रीम ना खाने की सलाह दी गई है..।’ लाजपत नगर स्थित सरकारी को-एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल के आठवीं के एक छात्र ने कहा कि मैं स्कूल लौट कर खुश हूं। दो साल बाद स्कूल आकर अच्छा लग रहा है। ऑनलाइन कक्षाएं अच्छी थीं, लेकिन परिसर में कक्षाएं होने से हम हमारे सभी संदेह उसी समय दूर कर सकते हैं। अन्य एक छात्र ने कहा कि कोविड-19 के समय भी उनके शिक्षकों ने उन्हें पूरे मन से पढाया, लेकिन अब हम कोई भी शंका निजी तौर पर उनसे बात कर दूर कर सकते हैं।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि एक नवम्बर से स्कूल परिसर में कक्षाएं फिर से शुरू होंगी, कक्षाएं ऑनलाइन तथा ऑफलाइन यानी परिसर में, दोनों प्रकार से चलेंगी। डीडीएमए ने यह भी कहा था कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक समय में एक कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक छात्र न हों और किसी भी छात्र को परिसर में आने के लिए मजबूर न किया जाए।
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