आर्थिक अपराध शाखा करेगी जिमखाना मामले में जांच !

Last Updated 25 Jun 2021 09:45:56 AM IST

जिमखाना क्लब मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपने की कवायद शुरू हो गई है। बीते सप्ताह दिल्ली पुलिस ने क्लब के पूर्व प्रबंधन के खिलाफ हेराफेरी और धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज किया था।


जिमखाना क्लब

अदालत के आदेश से दर्ज मुकदमे के संदर्भ में चाणक्यपुरी पुलिस ने इस बार भी किसी आरोपी को गिरफ्तार करने की दिशा में कोई पहल नहीं की। चाणक्यपुरी पुलिस पर पहले भी इस मामले में खास कारणों से कार्रवाई नहीं करने के आरोप लग चुके हैं। क्लब के दो पूर्व निदेशकों ने इस मामले में कंपनी मामलों के मंत्रालय से शिकायत भी की है।

दरअसल, इसी साल फरवरी में जिमखाना क्लब प्रबंधन के खिलाफ वित्तीय मामलों में हेराफेरी करने और धोखाधड़ी कर क्लब को करोड़ों रु पए का नुकसान पहुंचाने के मामले में पटियाला हाउस अदालत में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई थी। उसी दौरान एनसीएलएटी ने क्लब प्रबंधन को बर्खास्त कर भारत सरकार का प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दे दिया था। 15 जून को अदालत के आदेश के बाद चाणक्यपुरी पुलिस ने इस मामले में क्लब के पूर्व अध्यक्ष मेजर जनरल डीआर सोनी, लीगल कमेटी चेयरमैन एडमिरल बीएस रंधावा, वित्त समिति चेयरमैन मनदीप कपूर, वर्क्‍स कमेटी चेयरमैन जीएस मिगलानी, सहायक सचिव विक्रम कपूर, रिटेनर वकील गौरव लिब्रहान और जीसी मेंबर राजकुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

इस पूरे मामले में घोटाले से पर्दा उठाने के लिए भारत सरकार की मदद करने वाले क्लब के पूर्व सचिव कर्नल आशीष खन्ना ने अगस्त और सितम्बर 2020 में चाणक्य पुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि पुलिस ने तब भी किसी पर मुकदमा दर्ज करने या मामले की जांच करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया था। चाणक्यपुरी थानाध्यक्ष का कहना है कि मामले में दर्शायी गई वित्तीय हेराफेरी और धोखाधड़ी संबंधी रकम इतनी ज्यादा है कि मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा ही करेगी। लिहाजा यह मुकदमा शाखा को स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार इस मामले में क्लब के वर्तमान प्रशासक की भूमिका को लेकर भी जांच शुरू हो रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी नियुक्ति के चार माह के कार्यकाल में क्लब के पूर्व प्रबंधन और धोखाधड़ी के आरोपों के मामले में जांच को बढ़ाने की कोशिश नहीं की। क्लब सदस्यों का आरोप है कि प्रशासक सवा दो महीने से क्लब में आकर झांके तक नहीं हैं। सूत्रों की माने तो क्लब प्रशासक की नियुक्ति भी विवादों के घेरे में है।

क्लब के पूर्व अध्यक्ष डीआर सोनी पर मिनट्स में हेराफेरी करके अपील के नाम पर क्लब को डेढ़ करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। आरोप है कि लीगल कमेटी चेयरमैन रहे बीएस रंधावा के दबाव में क्लब के सदस्य गौरव लिब्रहान, अरुण काठपालिया को 24 लाख का भुगतान कर दिया गया। फाइनेंस कमेटी के चेयरमैन रहे मनदीप कपूर पर आरोप है कि उन्होंने पीएम केयर फंड के नाम पर जमा 75 लाख रु पए में से केवल 60 फीसद राशि उसमें जमा कराई, बाकी रकम अन्य खाते में जमा करा दी गई। निर्माण समिति पर आरोप है कि उसने साढ़े चार करोड़ रु पए में बनने वाले स्वीमिंग पूल के लिए साढ़े दस करोड़ रु पए का भुगतान कर दिया।
 

एसएनबी
नई दिल्ली


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