दिल्ली के प्रदूषण निकाय ने अगले आदेश तक डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगाई

Last Updated 14 Oct 2020 05:12:45 PM IST

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार से डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने का निर्देश जारी किया है। क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत यह निर्देश जारी किया गया है।


दिल्ली के प्रदूषण निकाय ने डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक

जीआरएपी प्रदूषण रोधी उपाय है जिसे स्थिति की गंभीरता के मुताबिक दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इसे 2017 में पर्यावरण और वन मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय की तरफ से अनिवार्य किए गए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण के मार्फत लागू करने के लिए अधिसूचित किया था।         

एक सरकारी आदेश के मुताबिक, ‘‘डीपीसीसी 15 अक्टूबर से अगले आदेश तक दिल्ली में डीजल, पेट्रोल या केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमता के जेनरेटर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है। यह आदेश आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले जेनरेटर सेट पर लागू नहीं होगा।’’         

आवश्यक सेवाओं में स्वास्थ्य सुविधाएं, एलेवेटर, रेलवे सेवाएं, दिल्ली मेट्रो, हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल तथा नेशनल इन्फॉम्रेटिक्स सेंटर की तरफ से संचालित डाटा सेंटर शामिल हैं।         

दिल्ली एनसीआर में पहली बार 2017 में लागू जीआरएपी उपायों के तहत बस और मेट्रो सेवाओं में बढोतरी करना, पार्किंग शुल्क को बढाना और हवा की गुणवत्ता खराब होने पर डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल बंद करना शामिल है।         

स्थिति जब ‘‘विकट’’ हो जाती है तो जीआरएपी ईंट-भट्ठे, पत्थर तोड़ने वाली मशीनों और हॉट मिक्स संयंत्रों को बंद करने, पानी का छिड़काव करने, सड़कों को मशीनों से साफ करने और प्राकृतिक स्रेतों से ऊर्जा उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा करने की अनुशंसा करता है।         

‘‘आपातकालीन’’ स्थिति में जिन उपायों का अनुसरण करना है उनमें दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोका, निर्माण गतिविधियां रोकना और सम-विषम कार योजना को लागू करना शामिल है।

भाषा
नयी दिल्ली


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