दिल्ली जल बोर्ड ने पुलिस, रेलवे व निगमों को दिया बकाए का नोटिस

Last Updated 29 Sep 2020 04:12:40 PM IST

दिल्ली जल बोर्ड ने रेलवे, दिल्ली पुलिस, सीपीडब्लूडी, डीडीए और दिल्ली नगर निगम को 6000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाए का नोटिस दिया है।


जल बोर्ड के मुताबिक, केंद्र सरकार के चार बड़े संगठनों और दिल्ली नगर निगम ने वर्षो से भुगतान नहीं किया है। इस कारण पानी और सीवर का बिल 6000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। इन सभी सरकारी महकमों को भुगतान करने के लिए एक महीने की मोहलत दी गई है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, "हमने रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस और तीनों नगर निगमों को यह अंतिम कारण बताओ नोटिस दिया है। इस नोटिस के जरिए इन्हें बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।"

चड्ढा के मुताबिक, कारण बताओ नोटिस के साथ ही कार्रवाई के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी भी इन विभागों को दे दी गई है। भुगतान न किए जाने की सूरत में इन बकायेदार एजेंसियों के पानी और सीवर का कनेक्शन काटा जा सकता है। हालांकि दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि सभी बकायेदार समय से देय राशि का भुगतान कर देंगे और किसी का कनेक्शन काटने की नौबत नहीं आएगी।

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, रेलवे को 3200 करोड़ रुपये से अधिक, जबकि सीपीडब्ल्यूडी को करीब 190 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। डीडीए को 128 करोड़ रुपये और दिल्ली पुलिस को 614 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 49 करोड़ रुपये, उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 2400 करोड़ रुपये से अधिक और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को 80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना है।

सीवर और पानी समेत जल बोर्ड से हासिल की गई विभिन्न सुविधाओं के एवज में इन एजेंसियों को कुल 6811 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, "कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण प्रत्येक राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। दिल्ली में हम कोरोना की विकट महामारी से लड़ रहे हैं। ऐसे में यदि यह एजेंसियां दिल्ली जल बोर्ड की बकाया राशि का भुगतान समय पर कर दें तो दिल्ली सरकार को कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी।"

जल बोर्ड के मुताबिक, इनमें से कई बिलों का भुगतान वर्ष 2013-14 से अभी तक नहीं किया गया है। समय-समय पर केंद्र सरकार के इन सभी विभागों और तीनों नगर निगमों को बिलों के बकाए के लिए लगातार नोटिस भेजे गए। इसके बाद कुछ भुगतान भी किए गए, लेकिन 6000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इन विभागों पर बकाया है, जिसका भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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