मरीजों के सरकारी केंद्र पर जाने की व्यवस्था खत्म हो : सिसोदिया
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उप राज्यपाल अनिल बैजल से अनुरोध किया कि कोविड-19 के प्रत्येक मरीज को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए सरकारी केंद्र में जाने की अनिवार्य व्यवस्था को समाप्त किया जाए।
![]() दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) |
ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने बैजल को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि नई व्यवस्था से केवल सरकारी तंत्र पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उप मुख्यमंत्री ने मांग की है कि पहले वाली व्यवस्था बहाल की जाए जिसमें चिकित्सकीय जांच के लिए जिला प्रशासन के दल संक्रमित व्यक्ति के घर तक जाते थे। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने जितनी भी मीडिया रिपोर्ट पढ़ी है ज्यादातर रिपोर्ट इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि दिल्ली में किसी व्यक्ति के लिए होम आइसोलेशन में रखने से पहले जो व्यवस्था बनी है, उसको लेकर लोगों को काफी समस्या आ रही है। अब जो नई व्यवस्था बनाई है, उसमें हर कोरोना मरीज को क्वारंटीन सेंटर जाना होगा। वहां पर उसकी जांच होगी और उसके बाद तय होगा कि वो व्यक्ति होम आइसोलेशन में रह सकता है, तो उसे घर भेजा जाएगा। यदि कोई लक्षण है और उसे क्वारंटीन सेंटर में रहना है, तो उसको रोक लिया जाएगा। इससे लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। कोरोना पॉजिटिव आते ही उनके सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है कि उन्हें कोई लक्षण नहीं भी है, तब भी उन्हें क्वारंटीन सेंटर जाना ही पड़ेगा।
सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि एलजी जल्द ही स्टेट डिजॉस्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) की बैठक बुलाएंगे। मैने उनसे अनुरोध किया है कि एसडीएमए की बैठक बुला कर नए आदेश को बदलवाएं और लोगों की परेशानी को दूर करिए।
सिसोदिया ने कहा कि पहले एलजी ने होम आइसोलेशन को खत्म करने का आदेश जारी किया। हमने काफी प्रयास करके होम आइसोलेशन को बहाल कराया, तो अब क्वारंटीन सेंटर जाने की बाध्यता की नई व्यवस्था से लोगों की कमर टूट रही है। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था से एंबुलेंस सिस्टम पर भी भार पड़ रहा है और लोगों पर भी दबाव बढ़ रहा है। इन समस्याओं के मद्देनजर उन्होंने एलजी को पत्र लिखा है कि दिल्ली में जो पहले व्यवस्था की कि कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो सरकार की मेडिकल टीम उसके घर जाती थी। उसमें कोई लक्षण नहीं है, तो उसे घर पर रहने की सलाह देती थी। यदि उसको कोई लक्षण है, तो उसे अस्पताल जाने के लिए कहती थी। यदि उसका घर आइसोलेशन के लिए उपयुक्त नहीं होता था तो उसे क्वारंटीन सेंटर जाने के लिए कहती थी।
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