कोरोना वायरस: जांच के लिए घर आए टीम तो घबराएं नहीं, सहयोग करें

Last Updated 04 Mar 2020 09:40:48 AM IST

दिल्ली में कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज की पुष्टि होने के अगले ही दिन चिकित्सीय टीमों ने नोएडा और दिल्ली के हयात होटल में जाकर लोगों की जांच की।


इस बीच कई तरह की अफवाहें भी सामने आई, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिरे से नकारते हुए हिदायत दी है कि मेडिकल टीम अपना काम कर रही है।  सब कुछ नियंत्रण में है। अगर आपके घर के आसपास कोई टीम आती भी है तो घबराने की जरूरत नहीं है, उसका सहयोग करें। ऐसा करने में आप और आपके प्रियजनों के साथ के आसपास के लोगों का ही जीवन बचेगा।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ एके गांगुली ने कहा कि कोरोना वायरस भारत में नियंत्रण स्थिति में है। दिल्ली में एक केस जरूर मिला है लेकिन उसकी हालत स्थिर है। कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू जैसे रोगों की रोकथाम को लेकर सरकार के पास दो विकल्प होते हैं। पहला विकल्प प्रभावित मरीजों को तत्काल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करना होता है। जबकि दूसरा विकल्प उक्त मरीज के घर, ऑफिस इत्यादि के आसपास ये देखना होता है कि कोई और तो इससे प्रभावित नहीं है।

230 बेड, 12 जगहों पर जांच की है सुविधा : स्वास्थ्य मंत्री जैन ने बताया कि 25 अस्पतालों में कोरोना से निपटने की व्यवस्था की गई है। 230 बेड्स तैयार हैं। वहीं, 12 जगहों पर मेडिकल टेस्ट का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा साढ़े 3 लाख एन95 मास्क की व्यवस्था की गई है। दिल्ली में कोरोना के मामलों की संख्या पर उन्होंने बताया कि अभी तक 1 मामले की पुष्टि हुई है।

होटल हयात में हड़कंप : हयात होटल ने कुछ कर्मचारियों को 14 दिन तक अपने घर में अलग रहने के लिए कहा है। ये सभी कर्मचारी 28 फरवरी को होटल के उस रेस्तरां में मौजूद थे जहां कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति ने रात में खाना खाया था। होटल ने कहा है कि इसने सरकारी परामर्श के अनुसार होटल में सभी एहतियाती कदम उठाए हैं। हयात ने जारी अधिकृत विज्ञप्ति ने यह जानकारी दी है। उसके अनुसार 28 फरवरी, 2020 को हयात रीजेंसी दिल्ली में लापियाजा रेस्तरां में भोजन करने वाले एक व्यक्ति को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है। ऐसे में उस दिन संक्रमित व्यक्ति के आसपास मौजूद लोगों की टेंशन बढ़ना लाजिमी है। आशंका यह भी है कि इससे कुछ और लोग चपेट में न आ गए हों।

स्क्रीनिंग कहां जरूरी : जहां पीड़ित मरीज या उसके परिवार से जुड़े सदस्यों का आना जाना हुआ था। हो सकता है दिल्ली के किसी इलाके में (जहां पीड़ित का घर है) वहां मेडिकल टीम रोकथाम के लिहाज से जांच करने पहुंचे तो लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मेडिकल टीमें अगर अपना काम कर रही हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि वहां कोई मरीज है या वायरस की मौजूदगी है। इसलिए अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हालांकि लोगों को सतर्क जरूर रहना चाहिए।

दरवाजे और खिड़कियों को रखें खुला : कोरोना वायरस वि रूपी स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने अध्ययन करके यह पता लगाया है कि यदि हम दरवाजे और खिड़कियों को खुला रखकर ताजी हवा में सांस लें, तो इससे कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है। साथ ही सिंगापुर में चीफ हेल्थ साइंटिस्ट चोर्थ चुहान ने भी ऐसा करने की सलाह दी है, उनके अनुसार ताजी हवा में कोरोना वायरस फैल नहीं पाते हैं। कोशिश करें कि आपके बेडरूम और गेस्ट रूम की दरवाजे खिड़कियां खुली रहें।

संक्रमित मरीज से बनाएं करीब दो से ढाई फीट की दूरी : कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ सावधानिया हैं जो बरतनी चाहिए। इनमें सबसे जरूरी है कि हाथ धोकर ही अपनी आंखें, मुंह आदि को छुएं। जो व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है उसके बिल्कुल करीब ना जाएं, कम से कम 2 से ढाई फीट के अंतराल पर रहें। सबसे ज्यादा जरूरी है कि घबराएं
नहीं। साफ-सफाई का बहुत ज्यादा ध्यान रखें।

कोरोना वायरस : कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है।

इस वायरस का संक्रमण दिसम्बर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खैतरपाल ने बताया कि बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

ज्ञानप्रकाश/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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