जामिया के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए कन्हैया कुमार

Last Updated 18 Dec 2019 07:36:56 PM IST

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन न केवल मुस्लिमों को बचाने की लड़ाई है बल्कि पूरे देश की रक्षा की लड़ाई है।


जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (फाईल फोटो)

विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी संशोधित नागरिकता कानून के मुकाबले ‘‘कहीं अधिक खतरनाक’’ है और इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए।     

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, प्रदर्शन शांति के रास्ते से नहीं भटकना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इसी तरह की ऊर्जा बरकरार रखते हुए होश में रहें।’’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता कन्हैया कुमार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने बुधवार को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। कन्हैया ने नागरिकता कानून को काला कानून करार दिया और यहां छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "प्रदर्शन और आंदोलन करना प्रत्येक छात्र का अधिकार है, लेकिन यह शांतिपूर्ण ठंग से किया जाना चाहिए, अन्यथा इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है।"

कन्हैया शाम करीब साढ़े पांच बजे जामिया के अब्दुल कलाम आजाद गेट पर पहुंचे, जहां पहले से बड़ी संख्या में जामिया के अलावा कई अन्य कॉलेजों, स्कूलों से आए छात्र उनका इंतजार कर रहे थे। यहां पहुंचने पर कन्हैया ने छात्रों के साथ जमकर नारेबाजी की। खुद कन्हैया ने आजादी के नारे लगवाए।

कन्हैया ने कहा, "इस कानून का विरोध केवल किसी एक वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं है। बल्कि भारत के सभी वर्ग एवं समुदाय के लोग इस कानून के खिलाफ हैं।"

हालांकि, इस दौरान कन्हैया ने छात्रों से अपील की कि वे सरकार का विरोध करें, लेकिन इस विरोध के बीच सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं।

कन्हैया ने कहा कि यदि छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ तो इस विरोध का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।



पूर्व जेएनयू अध्यक्ष ने कहा, "अपने इस विरोध प्रदर्शन को किसी भी स्तर पर हिंसक न होने दें। हमारी लड़ाई सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ है, सरकारी या गैर-सरकारी संपत्ति से नहीं। संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक बात नहीं है। हमें चाहिए कि हम शांतिपूर्वक सरकार का विरोध करें।"

कन्हैया ने कहा कि वह इस कानून का विरोध कर रहे जामिया छात्रों के साथ हैं।

भाषा
नयी दिल्ली


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