सड़क पर उतरे जामिया के स्टूडेंट्स पुलिस कार्रवाई की CBI जांच की मांग
एक दिन पहले अपने सहपाठियों पर हुई पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं सोमवार को सड़क पर उतर आए और कमीज उतारकर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रवेशद्वारों पर खड़े होकर प्रदर्शन किया।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं सोमवार को सड़क पर उतर आए। |
उनके समर्थन में स्थानीय नागरिक व कुछ विद्यार्थियों के परिजन भी आए। पुलिस बर्बरता के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई और और मार्च निकाला। उन्होंने पुलिस कार्रवाई की सीबीआई जांच कराने की मांग की। हाथ में तिरंगा थामे छात्रों ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
छात्रों के एक समूह ने दावा किया कि पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में दो मस्जिदों को तोड़ दिया और इमाम व एक दृष्टिहीन छात्र (अरसलान) की पिटाई की। एक अन्य छात्र अनस सिद्दकी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें आतंकवादी बोला और उन्हें परिसर से बाहर आने और उनका सामना करने की चुनौती दी। एक छात्र ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि हमारे सहपाठियों को बुरी तरह पीटा गया।
एक घायल छात्र के साथ जब कुछ महिलाएं अपनी समस्या बताने मीडिया के पास पहुंचीं, तो कुछ लोगों को उनसे यह कहते सुना गया कि वे कोई बयान नहीं दें। एक छात्र खानजाला ने बताया कि परिसर में घुसे लगभग 70 पुलिसकर्मियों ने छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट की। फिजियोथेरेपी विभाग के छात्र अब्दुल रहमान ने दावा किया कि होली फैमिली को छोड़कर अन्य सभी अस्पतालों ने घायल छात्रों का इलाज करने से मना कर दिया। एक अन्य छात्र रक्षंदा ने आरोप लगाया कि दिव्यांग छात्रों को भी नहीं बख्शा गया।
वहीं, नए नागरिकता कानून के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन के दौरान जामिया विवि और आसपास के इलाकों में हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने दो मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि हिरासत में लिए गए विवि के कम से कम 50 छात्रों को सोमवार तड़के रिहा कर दिया गया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा कि परिसर में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा।
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