हल्की वर्षा से बढ़ा प्रदूषण बहुत खराब स्तर पर पहुंचा
राजधानी में बृहस्पतिवार को हल्की बारिश व नमी से वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में आ गई।
![]() वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा ‘सफर’ |
राजधानी के प्रमुख स्थानों में चांदनी चौक में वायु प्रदूषण स्तर 356, लोदी रोड पर 315, दिल्ली विश्वविद्यालय में 311, मथुरा रोड के पास 328 व आईआईटी दिल्ली में 313 पाया गया। यह बहुत खराब स्तर माना जाता है
सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा ‘सफर’ के प्रमुख गुफरान बेग ने कहा कि ठंडे मौसम में छिटपुट बारिश हमेशा ही नुकसानदेह होती है क्योंकि इससे नमी बढती है, जिससे द्वितीयक कण सृजित होते हैं। हल्की ठंडक के साथ कम वर्षा होने से फायदा न होकर नुकसान होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नमी और हल्की हवाओं के चलते प्रदूषकों का फैलाव बढा और इसके चलते अधिक संख्या में द्वितीयक कणों के निर्माण को बढावा मिला। द्वितीयक कण वे हैं जो प्राथमिक प्रदूषकों और अन्य वायुमंडलीय घटकों जैसे सल्फर-डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के साथ जटिल रासायनिक प्रभाव से पैदा होते हैं। ये वायुमंडलीय घटक आग जलने और वाहनों के धुएं से निकलते हैं।
दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम पौने पांच बजे 309 था। यह बुधवार रात नौ बजे 217 था पड़ोसी नोएडा (328), गाजियाबाद (325), ग्रोटर नोएडा (318) और फरीदाबाद (312) में भी वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के वैज्ञानिक महेश पालावत ने कहा कि अनुमान है कि बर्फबारी के चलते जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से ठंडी, सूखी हवाएं चलेंगी। सूखी हवा से नमी में कमी आएगी। अगले 24 घंटे के बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार होने लगेगा।
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