दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों के 40 लाख लोगों को केंद्र का दिवाली तोहफा, नियमित होंगी 1797 कालोनियां
केंद्र सरकार ने राजधानी दिल्ली की 1797 अनधिकृत कॉलोनियों के लगभग 40 से 50 लाख लोगों को दीपावली का तोहफा देते हुए इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बनाए गए नियमों संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी (file photo) |
इस प्रस्ताव से संबंधित बिल संसद के आगामी सत्र में लाया जाएगा। राजधानी की 69 हाई प्रोफाइल कॉलोनियों पर यह निर्णय लागू नहीं होगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए मंत्रिमंडल में पास किए गए प्रस्ताव की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से राजधानी लगभग 175 वर्ग किलोमीटर में फैली 1797 अनधिकृत कॉलोनियों के 40 से 50 लाख से अधिक निवासियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों के नियमन से अब इन कॉलोनियों का अब विकास व पुनर्विकास हो सकेगा और इन कॉलोनियों में स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनेगा।
उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों के लोग अभी तक कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के अलावा मालिकाना हक, हस्तांतरण का अधिकार जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे, लेकिन अब इन कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक भी मिलेगा और संपत्ति के हस्तांतरण का अधिकार भी मिलेगा, साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि संपत्ति के वैधता का दावा कॉलोनियों के लोगों को उपलबध कराने से संपत्तिधारक सुरक्षित संरचनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे जिससे इन कॉलोनियों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
नियमित की जाने वाली कॉलोनियों के लोगों को अपनी संपत्ति के भूखंड के आकार के आधार पर मामूली भुगतान भी करना होगा। सरकारी भूमि पर बनी कॉलोनियों में 100 वर्ग मीटर से कम आकार के भुखंड पर 0.5 प्रतिशत शुल्क देना होगा, जबकि 100 से 250 वर्गमीटर के भुखंड के लिए 1 प्रतिशत तथा 250 वर्ग मीटर से अधिक भुखंड पर 2.5 प्रतिशत शुल्क देना होगा। यह शुल्क संबंधित कालोनी के उच्चतम श्रेणी के आवासीय क्षेत्र के सर्किल रेट के आधार पर होगा।
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