डीडीए की टीओडी पॉलिसी पर बोर्ड की मुहर, खेल गांव के फ्लैट हुए सस्ते

Last Updated 18 Sep 2019 04:01:23 AM IST

दिल्ली विकास प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में मंगलवार को कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों में से एक के तहत खेल गांव में फ्लैटों की कीमत में 20 फीसद की कमी की गई।


दिल्ली विकास प्राधिकरण

अधिकारियों के मुताबिक कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के फ्लैटों की मौजूदा कीमत 2.80 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर है। 20 फीसद की कटौती के बाद यह कीमत 2.24 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर रह गई है।
इसके अलावा खरीदार को 1130 रुपए प्रति वर्गमीटर कंवर्जन चार्ज एवं 7 लाख रुपए पार्किग (दो कार) चार्ज के रूप में देने होंगे।
फ्लैटों की बिक्री पर बैन भी हटाया : डीडीए ने शिवाजी मार्ग स्थित 770 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों की बिक्री पर लगे पांच साल के प्रतिबंध को भी हटा दिया है। यह फ्लैट डीडीए भी आवासीय योजना-2014 में आवंटित किये गये थे।

बैठक में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बहुप्रतीक्षित ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी गई। बोर्ड ने विभिन्न श्रेणी के फ्लैटों की कीमत में छूट देने के प्रस्ताव को भी पारित कर दिया है। खासबात यह है कि लंबे समय से बिक्री के इंतजार में कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के फ्लैटों की कीमत प्राधिकरण ने कम कर दी है। अधिकारियों ने फ्लैटों की कीमत में 20 फीसद कटौती का प्रस्ताव दिया था। मंगलवार को राजनिवास में उप-राज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिए गए। इस मौके पर डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
टीओडी पॉलिसी लागू होने से राजधानी में जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी। यह योजना उन कॉरिडोर में लागू होगी, जहां सार्वजनिर्क परिवहन प्रणाली उपलब्ध होगी। इस योजना के तहत जमीन का मिश्रित उपयोग किया जाएगा। एक ही परिसर में बहुमंजिला आवासीय फ्लैटों के साथ ही व्यावसायिक एवं संस्थागत परिसर उपलब्ध होंगे। इससे लोग एक ही परिसर में रहकर वहीं काम भी कर सकेंगे। इन परिसरों में पैदल एवं साइकिलिंग को वरीयता दी जायेगी। इन परिसरों में 15 फीसद आवासीय ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बनाना अनिवार्य होगा। डीडीए इस प्रस्ताव को जल्द ही शहरी विकास मंत्रालय को भेजेगा, जिससे उसे अधिसूचित किया जा सके।
डीडीए अब सांस्कृतिक एवं धार्मिक उपयोग की जमीन को डीडीए अब सीधे नीलामी के जरिए आवंटित कर सकेगा। जिससे आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे। हालांकि आवंटन करने से पहले डीडीए संबंधित संस्था की जांच करेगा। संस्था कम से कम पांच साल पुरानी होना अनिवार्य है और सोसायटी के तहत उनका पंजीकरण होना चाहिए। संस्था को पांच साल की ऑडिट रिपोर्ट भी जमा करानी होगी। सांस्कृतिक श्रेणी के प्लॉट का श्रेत्रफल अधिकतम 1,000 एवं धार्मिक संस्था के लिए प्लॉट का अधिकतम क्षेत्रफल 400 मीटर होगा।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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