कमल हासन के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई बुधवार को
अभिनेता से नेता बने कमल हासन के नाथूराम गोडसे पर विवादित बयान दिए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।
अभिनेता कमल हासन (फाइल फोटो) |
इस बयान को चुनावी फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल करने की संज्ञा दी गई है और कहा गया है कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून के खिलाफ है। इस बयान के लिए चुनाव आयोग से कमल हासन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। यह मांग भाजपा नेता व अधिवक्ता अनी कुमार उपाध्याय ने की है और इस बाबत याचिका दाखिल की है।
अधिवक्ता ने हाईकोर्ट से इसपर जल्द सुनवाई का आग्रह किया। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने कहा कि वे इसपर 15 मई को सुनवाई करेंगे। उन्होंने इसे बुधवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि मक्कल नीधि मय्यम पार्टी के अध्यक्ष हासन ने 9 मई को अरावाकुरिची विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी के प्रचार के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को कथित रूप से आजाद भारत का पहला ‘हिन्दू उग्रवादी’ बताया था। उस विधानसभा में 19 मई को मतदान होना है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि हासन ने मुस्लिमों की भीड़ वाले जगह पर जानबूझकर यह बयान दिया है जिससे उसे चुनावी फायदा हो। आदर्श आचार संहिता के अनुसार कोई पार्टी या उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता जिससे विभिन्न जाति व समुदाय के बीच मतभेद पैदा हो। उनका बयान यह जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के खिलाफ है और यह साफ तौर पर भ्रष्ट आचरण है। इस तरह से कमल हासन ने चुनावी फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है और दो समुदायों के बीच अंतर पैदा किया है। उन्होंने इस तरह से आचार संहिता का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनावी फायदे के लिए धर्म का कथित इस्तेमाल किए जाने के बावजूद चुनाव आयोग ने हासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसे देखते हुए कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह उनके खिलाफ कार्रवाई करे एवं उनके उम्मीदवार को चुनाव लड़ने पर रोक लगा दे। साथ ही उनके पार्टी का पंजीयन रद्द करने का निर्देश दिया जाए।
कमल हसन के खिलाफ निचली अदालत में भी शिकायत
नई दिल्ली (एसएनबी)। नाथूराम गोडसे पर विवादित बयान देने वाले कमल हासन के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में भी शिकायत की गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक व्यकि विष्णु गुप्ता ने अर्जी दी है। उनकी शिकायत पर राऊज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में 16 मई को सुनवाई होने की संभावना है।
शिकायतकर्ता ने कमल हासन पर धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने हासन पर आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, नस्ल या भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समुदायों में शत्रुता को बढ़ावा देने) व 295 ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने) के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। इन अपराधों के लिए तीन साल की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है। शिकायतकर्ता ने खुद को हिंदू सेना नामक संगठन का अध्यक्ष बताया है। उसने कहा है कि हासन ने जानबूझ कर हिंदू धर्म को आतंकवाद के साथ जोड़कर हिन्दुओं की धार्मिक भावना को आहत करने के लिए अपमानजनक टिप्पणी की है। मक्कल नीधि मय्यम पार्टी के अध्यक्ष हासन ने तमिलनाडु की एक चुनावी सभा में सोमवार को कहा था कि स्वतंत्र भारत का पहला उग्रवादी एक हिन्दू नाथूराम गोडसे था, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी।
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