दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल ने ली तीन मरीजों की जान
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक तीन मरीजों की मौत हो गई।
सफदरजंग अस्पताल (file photo) |
पीड़ित परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल से उनके मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया। मरने वालों में दो बच्चे और एक युवक शामिल है। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से सोमवार को भी लगातार दूसरे दिन अस्पताल में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित रहीं। रविवार को एक डॉक्टर से मारपीट के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी में हड़ताल कर दी थी। हालांकि डाक्टरों ने शाम को हड़ताल वापस ले ली।
किशन मुरारी के परिजनों को इमरजेंसी से निकाल दिया : बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी 18 वर्षीय किशन मुरारी की सोमवार सुबह सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। उसकी बहन सोनी कुमारी ने बताया कि उनका भाई शनिवार रात 12 बजे के करीब सड़क हादसे के बाद सफदरजंग के इमरजेंसी में लाया गया था। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के बाद किशन के साथ मौजूद उसके ममेरे भाई को डॉक्टरों ने इमरजेंसी से बाहर निकाल दिया और कहा कि हड़ताल हो रही है सब बाहर निकलिए। किशन के ममेरे भाई का कहना है कि अचानक सुबह उसकी मौत की खबर हमें दी गई।
हमें इमरजेंसी से बाहर निकाल दिया, बच्चे से मिलने नहीं दिया : सफदरजंग के न्यूरो वार्ड में सोमवार सुबह आठ साल के प्रिंस की भी मौत हो गई। दिल्ली के कोटला मुबारकपुर से आए प्रिंस के चाचा राहुल ने बताया कि छह दिन पहले प्रिंस को इमरजेंसी में भर्ती कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि हड़ताल के बाद डॉक्टरों ने उसके इलाज में कोताही बरती। राहुल के मुताबिक हड़ताल के बाद डॉक्टरों ने उसके परिजनों को गाडरे की मदद से इमरजेंसी के बाहर निकाल दिया। उन्होंने बताया कि बच्चे की मौत के बाद भी जब वे उसकी लाश के पास जा रहे थे तो गाडरें ने रोकने की कोशिश की और र्दुव्यवहार किया।
बदायूं के राजू की मौत : बदायूं निवासी एक राजू नाम के बच्चे ने भी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच अस्पताल में दम तोड़ दिया। राजू को छत से गिरने के बाद सिर में चोट लग गई थी। उसे 12 जनवरी यानि हड़ताल से एक दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि राजू के परिजनों का रोकर बुरा हाल था तो लिहाजा उनसे बात नहीं हो सकी।
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