दिल्ली के रोहंगियों को भड़का रहा था शमीउन
अलकायदा के टॉप कमांडर के इशारे पर भारत आया आतंकी शमीउन रहमान उर्फ राजू भाई दिल्ली में रह रहे रोहंग्यिा मुसलमानों को भड़काने में जुटा था.
आतंकी शमीउन रहमान (file photo) |
उसकी कोशिश युवाओं का ब्रेनवाश कर जेहादी दस्ता तैयार करना था, ताकि उन्हें म्यांमार की सीमा पर भेजा जा सके. पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में कुछ स्थानीय लोगों ने अलकायदा आतंकी राजू भाई की कथित तौर पर रुपए-पैसे से लेकर उसे शरण प्रदान करने के लिए मदद की थी. जांच में जुटी स्पेशल सेल ऐसे लोगों की पहचान उजागर करने में जुटी है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीरिया में बैठे अलकायदा के टॉप कमांडर मोहम्मद ज्वलानी के कहने पर अलकायदा आतंकी राजू भाई ने भारत का रुख किया था. उसे ज्वलानी की तरफ से कहा गया था कि वह दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भ्रमण के दौरान सिर्फ मदरसों में रुके तथा रोहिंग्या मुसलमानों के कैम्प में जाकर उनकी सहानुभूति हासिल करे. राजू ने भाई पिछले तीन माह में चार राज्यों की यात्राएं कर पचास से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों के कैम्प में गया.
पूछताछ में उसने बताया कि रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचार की दास्तां बयान कर अन्य मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश कर उसे एक जेहादी दस्ता तैयार करना था. राजू भाई को भारत आने पर पता चला कि रोहिंग्या मुसलमानों का एक बड़ा जत्था मिजोरम व मणिपुर में रहता है. इसलिए उसने इन दोनों राज्यों में अपना बेस बनाने का निर्णय लिया था. इसमें मदद के लिए उसे दिल्ली में रहने वाले कुछ मौलवियों तथा मदरसा संचालकों ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था और ऐसे ही लोगों से संपर्क करने के लिए वह दिल्ली आया था.
दिल्ली पुलिस को अलकायदा आतंकी ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले तीन महीने से विभिन्न शहरों में घूम-घूम कर एक खास समुदाय के युवाओं को अपने संगठन से जोड़ने का काम कर रहा था. इस काम में वह सोशल मीडिया की भी मदद लेता था. ब्रेनवाश कर युवकों को बहुत जल्द अलकायदा के कैम्प लेजाकर उन्हें हथियार तथा गोला बारूद चलाने का प्रशिक्षण दिलवाने की योजना थी. मामले की जांच में जुटी स्पेशल सेल का कहना है कि दिल्ली में रहने वाले कुछ लोगों ने कथित तौर पर राजू भाई को शरण दी है. ऐसे ही लोगों की पहचान करने में सुरक्षा एजेंसिया जुटी हैं.
पढ़े लिखों को भी बनाया आतंकी : दबोचे गए अलकायदा आतंकी राजू भाई ने बंगलादेश में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे लोगों को भी अलकायदा से जोड़ा था. ऐसे लोगों में बांग्लादेश सरकार के प्रशासन से जुड़े लोग तथा उनके रिश्तेदार आदि शामिल थे. हालांकि इस खुलासे के बाद स्पेशल सेल ने बांग्लादेशी दूतावास के जरिए दबोचे गए समी उर रहमान के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मांगी है, ताकि उसके बारे में और सच्चाई जानी जा सके.
| Tweet |