संघ का मतलब पीएम मोदी या बीएचपी नहीं, वे इसका हिस्सा हैं : मोहन भागवत

Last Updated 20 Nov 2022 04:56:40 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ केवल शाखा लगाने का ही काम नहीं करता है, यह लोगों को देश के लिए काम करने को प्रोत्साहित करता है। संघ का काम है आदत डालना। इस बीच भागवत ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक स्वयंसेवक और प्रचारक हैं और आज भी वह एक प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं।


आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख ने शनिवार को जबलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, जब भी संघ का नाम आता है, आप मोदीजी का नाम लेते हैं। हां, मोदीजी संघ के स्वयंसेवक भी रहे हैं और प्रचारक भी रहे हैं। विहिप भी हमारे स्वयंसेवकों द्वारा चलाई जाती है। लेकिन संघ किसी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित नहीं करता, वे स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। उन्होंने कहा, हम केवल परामर्श और सलाह दे सकते हैं, लेकिन उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते।

बुद्धिजीवियों और प्रमुख लोगों की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, भारत भाषा, व्यापारिक हित, राजनीतिक शक्ति और विचार के आधार पर एक राष्ट्र नहीं बना। यह विविधता में एकता व वसुधव कुटुम्बकम के आधार पर राष्ट्र बना है।

उन्होंने यह भी कहा कि एक व्यक्ति या एक संगठन या एक राजनीतिक संगठन बड़ा बदलाव नहीं कर सकता है। संघ प्रमुख ने कहा, हिंदुत्व का अर्थ है सभी को गले लगाने का दर्शन है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना ही हिंदुत्व की प्रमुख भावना है।

सार्वजनिक अनुशासन की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म का अर्थ रिलीजन या पूजा पद्धति नहीं है, बल्कि इसका अर्थ अनुशासित तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करना है।

उन्होंने व्यापक रूप से प्रकृति संरक्षण प्रयासों का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमें धार्मिक रूप से वृक्षारोपण और जल संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि हम प्रकृति से बहुत कुछ लेते हैं।

उन्होंने कहा कि भाषा या पूजा प्रणाली समाज नहीं बनाती है। समान उद्देश्य वाले लोग समाज का निर्माण करते हैं। आरएसएस प्रमुख ने कहा, विविधता स्वागत योग्य और स्वीकार्य है, लेकिन विविधता को किसी भी तरह से भेदभाव का आधार नहीं बनना चाहिए।

आईएएनएस
भोपाल


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