मध्यप्रदेश के गुना में आदिवासी महिला को जिंदा जलाया, हालत गंभीर
मध्य प्रदेश के गुना जिले के बमोरी विकास खंड के धनोरिया गांव की सहरिया बस्ती की महिला को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश का मामला सामने आया है। महिला की हालत गंभीर है।
![]() गुना में आदिवासी महिला को जिंदा जलाया, सरकार पर विपक्ष का हमला |
इस घटना को लेकर कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार पर हमला बोला है। मिली जानकारी के अनुसार, धनोरिया गांव में जमीन को लेकर अरसे विवाद चल रहा था, इसी को लेकर शनिवार की दोपहर को अर्जुन सहरिया की पत्नी रामप्यारी बाई खेत पर थी तभी विरोधी पक्ष के लोगों ने उस पर डीजल डाला और आग लगा दी। अर्जुन ने बताया है कि जब खेत पर पहुंचा तो आरोपी भाग रहे थे और उसकी पत्नी के कपड़े जल चुके थे, उसके शरीर से धुआं निकल रहा था। रामप्यारी की हालत गंभीर है।
इस घटना केा लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा, शिवराज सिंह चौहान सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुना जिले के धनोरिया गांव में सहरिया आदिवासी समुदाय की महिला को डीजल डालकर जलाने का मामला सामने आया है। महिला की हालत अत्यंत गंभीर है।
महिला के पति के बयान का हवाला देते हुए कमल नाथ ने कहा, महिला के पति का कहना है कि उन्होंने 23 जून को अपनी सुरक्षा को खतरा होने संबंधी आवेदन पुलिस को दे दिया था लेकिन सुरक्षा नहीं मिली। मैं शिवराज से पूछना चाहता हूं कि आदिवासी समुदाय के प्रति उनकी सरकार का ऐसा शत्रुतापूर्ण रवैया क्यों हैं? प्रदेश में आदिवासी समुदाय कब सुरक्षित होगा?
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि आरोपी दबंग है और उन्होंने महिला के परिवार का छह बीघा का खेत कब्जे में कर लिया था। रामप्यारी और उसका पति अर्जुन सहरिया दबंगों से जमीन वापस लेने की लड़ाई लड़ रहे थे। मई महीने में तहसीलदार ने वह जमीन रामप्यारी के परिवार को देने का आदेश भी दे दिया था। किंतु दबंग इसके बाद भी जमीन पर नजरें गड़ाए हुए थे। कल वे जमीन पर ट्रैक्टर चला कर सोयाबीन की बोवनी कर रहे थे, जब रामप्यारी ने उन्हें रोका तो उसे जिंदा जला दिया गया।
माकपा ने आदिवासी महिला को जलाने के लिए भाजपा सरकार के आदिवासी विरोधी रवैए और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार माना है।
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