मध्य प्रदेश में बीते 2 साल में डेढ़ गुना पर्यटक बढ़े
मध्य प्रदेश सरकार का पर्यटन क्षेत्र पर खास जोर है क्योंकि राज्य के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़ रहा है। साल 2017 में आए पर्यटकों के मुकाबले साल 2019 में आए पर्यटकों की संख्या डेढ़ गुना ज्यादा रही।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) |
राज्य सरकार अब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ाने का मन बना रही है। राज्य के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश का भारत में सातवां स्थान है। साल 2017 के बाद प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। साल 2017 में मध्य प्रदेश में कुल पांच करोड़ 88 लाख पर्यटक आए वहीं साल 2019 में आठ करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक राज्य में आए।
राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर गौर करें तो राज्य की कैंपिंग नीति 2018 तथा जल पर्यटन नीति 2017 के चलते यहां साहसिक और जल क्रीड़ा पर्यटन में काफी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन चालू किया गया है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण और जनजातीय पर्यटन, अनुभव आधारित पर्यटन, हस्तकला और हस्तशिल्प पर्यटन, स्वस्थ जीवन शैली पर्यटन आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में पर्यटन का तेज गति से विकास कर न सिर्फ इसे भारत में पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है, बल्कि इसके माध्यम से रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने हैं।
मध्य प्रदेश की फिल्म पर्यटन नीति भी लोकप्रिय हो रही है। यही कारण है कि वर्तमान में प्रदेश में पांच फिल्मों की शूटिंग चल रही है। राजकुमार संतोषी, अनुपम खेर जैसे फिल्म निर्माता मध्य प्रदेश में फिल्म शूट कर रहे हैं। साल 2020-21 में लगभग 45 फिल्मों, वेब सीरीज, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग संभावित है।
कोरोना संक्रमण के कारण वर्तमान में विदेशी पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं। इसके चलते वर्चुअल टूर पर जोर दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि 20 वर्चुअल टूर तैयार किए गए हैं, जो कि गूगल आर्ट एंड कल्चर के माध्यम से विदेशों में अत्यधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में फिल्म एंड प्री वेडिंग शूटिंग और डेस्टिनेशन टूरिज्म पॉलिसी भी बनाई गई है।
राज्य में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में बुद्धिस्ट सर्किट, रामायण सर्किट, तीर्थंकर सर्किट आदि विकसित किए जा रहे हैं। ओंकारेश्वर कथा अमरकंटक का विकास किया जा रहा है। सालरिया गो अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर ध्यान और आयुष चिकित्सा के अंतर्गत पंचकर्म आदि पर केंद्रित पर्यटन केंद्र पर जोर दिया जा रहा है।
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