मध्य प्रदेश: सिंधिया के भोपाल दौरे से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा गर्म

Last Updated 20 Nov 2020 01:12:02 PM IST

मध्य प्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल दौरे से एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।


ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)

राज्य में विधानसभा के 28 क्षेत्रों में उपचुनाव हुए और उनमें से 19 पर भाजपा और नौ क्षेत्रों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा है, वहीं दो मंत्रियों को बगैर विधायक के छह माह का कार्यकाल पूरा करने पर पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस तरह राज्य में छह मंत्रियों के पद रिक्त हैं और इसके लिए दावेदार कई हैं।

राजनीतिक हलकों में एक तरफ मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना जताई जा रही है तो वहीं निगम और मंडलों में भी नियुक्तियां संभावित हैं। इसी बीच सिंधिया का भोपाल दौरा हुआ। उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भोपाल स्थित कार्यालय समिधा में जाकर पदाधिकारियों से चर्चा की और अपने समर्थक मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों से उनकी मुलाकात भी कराई। वहीं सिंधिया ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के निवास पर जाकर उनसे मुलाकात भी की।

मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं को लेकर सिंधिया का कहना है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सही समय पर सही फैसला करेंगे। वहीं हारे हुए मंत्रियों को लेकर उनका कहना है कि मुख्यमंत्री चौहान से इसके संदर्भ में भी चर्चा हो चुकी है।

राजनीतिक विश्लेषक साजी थामस का कहना है कि राज्य में भाजपा ने 19 स्थानों पर जीत दर्ज कर अपनी सरकार को आगामी तीन साल के लिए स्थाई कर लिया है, मगर पार्टी के सामने सिंधिया समर्थकों और पार्टी के असंतुष्टों को भी संतुष्ट करने की चुनौती है। अब देखना होगा कि पार्टी सबको संतुष्ट कैसे करती है। पार्टी के लिए आगामी कुछ माह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव भी होने वाले हैं इसलिए पार्टी की यही कोशिश होगी कि किसी तरह का असंतोष न रहे।

राज्य में विधानसभा के सदस्यों की संख्या के आधार पर अधिकतम 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं। राज्य में कुल 230 विधानसभा सदस्य हैं और 15 प्रतिशत सदस्यों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। इस तरह कुल 34 मंत्री बन सकते हैं। वर्तमान में कुल 28 मंत्री हैं। इस तरह छह नए मंत्री बनाए जाने हैं। जो तीन मंत्री चुनाव हारे हैं उन्हें निगम-मंडलों में समायोजित करने की तैयारी है।

आईएएनएस
भोपाल


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