2018 की तरह, कमलनाथ ने उज्जैन से शुरू किया चुनाव अभियान

Last Updated 07 Jul 2020 03:10:47 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ राज्य में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करने के पहले महाकाल के दर्शन के लिए यहां पहुंचे। वह 3 जुलाई को उज्जैन दौरे पर आने वाले थे, लेकिन भारी बारिश के कारण ऐसा नहीं हो सका था।


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)

उनके वर्तमान चुनाव प्रचार अभियान और 2018 के अभियान के बीच समानताएं हैं, जो कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में ले आई थी। उन्होंने उज्जैन में 'पूजा' करने के साथ अभियान की शुरुआत की थी। हालांकि इस बार एक बड़ा फर्क यह देखने को मिला है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके साथ मौजूद नहीं थे।

कमलनाथ को अगले कुछ दिनों में अभी कुछ और मंदिरों, धार्मिक स्थलों के दर्शन करने हैं।

पूजा और पार्टी के सहयोगियों के साथ बैठक के तुरंत बाद, कमलनाथ पहली रैली- 'लोकतंत्र बचाओ' को संबोधित करने के लिए बदनावर रवाना हो गए।

2018 के चुनावों में कांग्रेस को सत्ता में लाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम योगदान रहा था, वह बतौर युवा चेहरा युवा मतदाताओं को लुभाने में कामयाब रहे थे, अब वह कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं।

कमलनाथ ने सत्ता में वापसी के लिए 15 महीने के शासन के दौरान अपनी पार्टी और विकास कार्यों की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करने और जनता के सामने लाने की योजना बनाई है।

कमलनाथ ने चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए संभावित उम्मीदवारों के साथ एक-एक कर चर्चा की। पार्टी की योजना 24 कॉल सेंटर स्थापित करने की है, जो उपचुनावों वाले प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में होगा। पार्टी के कार्यकर्ता भावी उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं की प्रतिक्रिया और इनपुट जुटाएंगे और एजेंडा स्थानीय मुद्दों पर निर्धारित होगा। इस बार भी सभी 24 निर्वाचन क्षेत्रों में समान रणनीति अपनाई जाएगी।

2018 के विपरीत, जब मुख्य वॉर रूम भोपाल में था, पार्टी द्वारा ग्वालियर में एक बंगला किराए पर लेने की संभावना है, जहां कमलनाथ अभियान का नेतृत्व करने की योजना बना रहे हैं।

आईएएनएस
उज्जैन


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