मजहब के आधार पर आरक्षण देना देश हित में नहीं: वेंकैया नायडू

Last Updated 17 Apr 2017 05:43:11 PM IST

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि मजहब के आधार पर आरक्षण देना देश के हित में नहीं है.


शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

तेलंगाना विधानमंडल ने सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जनजाति और मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्ग के लोगों के लिये आरक्षण बढ़ाने वाला विधेयक पारित करने के एक दिन बाद उन्होंने यह बात कही.

जब उनसे इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो नायडू ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया, \'\'मजहब के आधार पर आरक्षण देना देश के हित में नहीं है. ऐसा सब लोगों ने उस समय सोचा था, जब संविधान बना था.\'\'

उन्होंने कहा, \'\'मजहब के आधार पर आरक्षण गैर संवैधानिक है.\'\' नायडू ने बताया, \'\'देश का संविधान बनाने वाले मजहब के आधार पर आरक्षण देने के खिलाफ थे.\'\'



उन्होंने कहा, \'\'संविधान सभा भी इसके खिलाफ थी.\'\' नायडू ने बताया कि इस संबंध में भाजपा का रवैया बिल्कुल साफ है. भाजपा मजहब के आधार पर आरक्षण देने पर विश्वास नहीं करती और इसके खिलाफ है.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले भी चंद्रबाबू नायडू ने मजहब के आधार पर आरक्षण देने के प्रयास किये थे, लेकिन इस पर उन्होंने ज्यादा टीका-टिप्पणी नहीं की.

नायडू ने बताया, \'\'...हम इसे (मजहब के आधार पर आरक्षण) बर्दाश्त नहीं कर सकते, क्योंकि इससे और मुसीबतें पैदा हो जाएंगी.\'\'

हालांकि, उन्होंने कहा, \'\'जहां तक भाजपा एवं एनडीए का संबंध है, हम आरक्षण के पक्ष में हैं. हम सामाजिक एवं शिक्षा में पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के पक्षधर हैं. हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. चाहे वे किसी भी समुदाय का पिछड़ा वर्ग हो हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई एवं जैन.\'\'

आईएएनएस


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